पर्रिकर ने रामदेव-डीआरडीओ करार का बचाव किया
पणजी। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए डीआरडीओ के समझौते का शनिवार को बचाव किया। पर्रिकर ने यहां एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि लेह बेरी द्वारा विनिर्मित उत्पादों के विपणन के लिए हुए टीओटी से निवासियोंं के लिए लगभग 5० करोड़ रुपये का राजस्व पैदा होगा। पर्रिकर ने कहा, ‘‘लोग इस मुद्दे को नहीं समझते… वे सिर्फ बातें करते हैं। जब साझेदारों में रामदेव बाबा हों, तो लोग भगवा देखते हैं और फिर उसी दिशा में बातें होने लगती हैं। मुद्दे को समझने की कोशिश कोई नहीं करता।’ उन्होंने कहा कि रामदेव की कंपनी डीआरडीओ के साथ टीओटी सौदे में शामिल तीसरी कंपनी है। अन्य दो कंपनियां उत्पाद का विपणन नहीं कर सकतीं। पर्रिकर ने कहा, ‘‘पतंजलि योगपीठ ने लेह बेरी पर आधारित 5० करोड़ रुपये से 6० करोड़ रुपये का उत्पाद प्रति वर्ष विनिर्मित करने और उसे पूरे देशभर में बेचने की योजना बनाई है। यदि वे ऐसा करते हैं तो स्थानीय लोगों को 5० करोड़ रुपये का कारोबार मिलेगा, क्योंकि स्थानीय लोगों को कारोबार की जरूरत है।’’