पवित्र माह सावन का चारों सोमवार में तीसरे सोमवार का काफी महत्व है। सावन का तीसरा सोमवार 13 अगस्त यानी आज को है, इस दिन बेहद शुभ संयोग बनने जा रहा है। इस संयोग में पूजा करने से भगवान हर मनोकामना पूरी करते हैं। शास्त्रों में बताया जाता है कि सावन में भक्त और भगवान के बीच की दूरी कम होती है, अन्य दिनों की अपेक्षा सावन में सच्चे मन सी की गई भोलेनाथ की पूजा विशेष फलदायी होती है। तीसरे सोमवार के दिन बन रहे विशेष संयोग से आप आसानी से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद पा सकते हैं।
भगवान शिव और माता पार्वती की एकसाथ पूजा करने पर आपके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी नहीं होती है। शिवपुराण में बताया गया है कि सावन के महीने में ही भगवान शिव ने माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर पत्नी रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था। उन्होंने यह भी कहा था जो भी भक्त सच्चे मन से सावन के महीने में संसार की भलाई के लिए पूजा करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं मैं पूरी करूंगा। इस दिन आप भगवान शिव के तीनों स्वरूप नील कंठ, नटराज और महामृत्युंजय की पूजा और उपासना करें। साथ ही इनका जप करें। इनके स्वरुप से शत्रु, षडयंत्र, तंत्रमंत्र आदि का असर नहीं होता। इनसे आपको ज्ञान, कला, संगीत, अभिनय के क्षेत्र में सफलता मिलती है। इस दिन आप शिवलिंग पर बेलपत्र या फिर गन्ने का जूसर, सफेद फूल और जलधारा अर्पित करें। सावन का तीसरे सोमवार के दिन महान शिव योग के साथ पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है, इस दिन मधुस्रावणी पर्व भी है जिसे सौभाग्य कारक माना गया है। माना जाता है कि शिवयोग में शिव की पूजा से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
शिवयोग अर्थात देवों के देव महादेव का योग। यह योग केवल साधुओं के लिए ही नहीं अपितु इससे मनुष्य को भी बेहद लाभ होता है। शिवयोग को वामयोग या तंत्र के नाम से भी जाना जाता है। शिवयोग में पूजा करने का अर्थ है अनंत के साथ विलय हो जाना अर्थात भगवान के साथ हो जाना। इस योग में पूजा करने से जीवन में कभी किसी चीज की समस्या नहीं होती। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र शुक्र का नक्षत्र है इसका पर्याय भाग्य भी है। शुक्र भौतिक सुखों का स्वामी है। इस योग में पूजा करने वालों पर शुक्र की कृपा होती है साथ ही सभी कार्य आपकी बिना रूके पूरे होते हैं। इस योग में पूजा करने से आपके आसपास नकारात्मक शक्ति का वास नहीं होता है, साथ ही मनचाहा आशीर्वाद मिलता है। शिवयोग के साथ ही इस दिन हरियाली तीज भी है। यह त्योहार माता पार्वती और स्त्रियों का होता है। इस खास योग में ही भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनाया था। ऐसे खास संयोग बहुत कम बनते हैं।