‘पश्चिम बंगाल में घुसपैठिए ऐसे आते हैं, जैसे ‘मौसी’ के घर आ रहे हों’
मालदा में हुई हिंसक घटना को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया है.
भाजपा नेता कैलाश ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि, ”मालदा की घटना के बाद ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल विस्फोट के मुहाने पर बैठा है. मालदा की घटना उसका एक संकेत मात्र है. घुसपैठिये यहां इस अधिकार से आते हैं कि जैसे “मौसी” के घर आ रहे हों.’
बंगाल की ‘दीदी’ में बंगलादेशी घुसपैठियों को “मौसी” जैसी आत्मीय लगती हैं. वोट बैंक की राजनीति पश्चिम बंगाल को पश्चिमी बांग्लादेश बनाने की ओर ले जा रही है.
पुरस्कार लौटाने वाले मालदा और पूर्णिया पर चुप क्यों?
मालदा और पूर्णिया की हिंसक घटनाओं को देश के लिये चिंताजनक करार देते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि असहिष्णुता के नाम पर सरकारी पुरस्कार लौटाने वाली हस्तियां इन वाकयों पर चुप क्यों हैं.
विजयवर्गीय ने इंदौर में पत्रकारों से कहा, ‘पिछले दिनों मालदा और पूर्णिया में जो हिंसक घटनाएं सामने आयीं, वे देश के लिये चिंताजनक हैं. असहिष्णुता के नाम पर सरकारी पुरस्कार लौटाने वाली हस्तियां इन घटनाओं पर खामोश क्यों हैं.’
उन्होंने कहा, ‘कमर मटकाकर पैसे कमाने वाले कुछ अभिनेता जो पिछले दिनों देश में असहिष्णुता बढ़ने की बात कर रहे थे, क्या वे मालदा और पूर्णिया की घटनाओं पर भी कुछ टिप्पणी करेंगे.’
विजयवर्गीय ने कहा, ‘मैं मीडिया का बहुत सम्मान करता हूं. लेकिन मीडिया ने जितना वक्त दादरी कांड के कवेरज को दिया, उसका 10 प्रतिशत समय भी पूर्णिया और मालदा की घटनाओं को नहीं दिया. हम मीडिया से अपेक्षा करते हैं कि वह ऐसे चेहरों को बेनकाब करे जो कानून को अपनी जेब में रखकर घूमते हैं.’
भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी ने आरोप लगाया कि मालदा की हिंसक घटना में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और ऐसे असामाजिक तत्वों की प्रमुख भूमिका थी जिन पर बांग्लादेश से गायों, अफीम और नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी के गंभीर आरोप हैं.