पश्चिम बंगाल में ममता सरकार द्वारा केंद्रीय टीम को रोकने पर गृह मंत्रालय सख्त
केंद्र सरकार ने ने सोमवार को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए 6 अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि कोविड-19 को लेकर मुंबई, पुणे, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य स्थानों पर हालात ”विशेष रूप से गंभीर हैं और लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस का संक्रमण और फैलने का खतरा है।
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा, ‘राज्य राज्यों में केंद्रीय टीमों को तैनात किया गया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में राज्य सरकारों का पूरा सहयोग मिल रहा है। लेकिन गृहमंत्रालय को बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में जो टीमें कोलकाता और जलपाईगुड़ी गई हैं उन्हें राज्य सरकार और प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्हें क्षेत्रों में जाने से रोका जा रहा है, स्वास्थ्य कर्मियों से बात नहीं करने दिया जा रहा है। उन्हें जमीनी स्थिति का आंकलन नहीं करने दिया जा रहा है।’
केंद्र ने फिर लिखा लेटर
गृहमंत्रालय की संयुक्त सचिव ने कहा कि यह आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत जारी केंद्र सरकार के आदेश का उल्लंघन है। गृहमंत्रालय ने आज राज्य सरकार को लेटर लिखकर आदेश दिया है कि वह मंत्रालय से 19 अप्रैल को जारी आदेश का पालन करे। सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करे ताकि टीम अपना काम कर सके।
ममता ने किया था विरोध
पश्चिम बंगाल में दल भेजने पर आपत्ति जताते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह का कदम एकपक्षीय और अनपेक्षित है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आकलन के लिए टीम द्वारा अपनाए जाने वाले वे आधार साझा करने को कहा था, जिनके बिना उनकी सरकार आगे कोई कदम नहीं उठा पाएगी।