पहलवान सुशील कुमार ने PM मोदी से की मदद की गुहार
बीजिंग और लंदन ओलंपिक में देश को दो पदक दिलाने वाले पहलवान सुशील कुमार का रियो ओलंपिक में तीसरे पदक का सपना पूरा होता नहीं दिखाई दे रहा है। भारतीय कुश्ती संघ ने भी संकेत दिए हैं कि सुशील का ट्रायल कराकर वह नरसिंह यादव के साथ अन्याय नहीं होने देना चाहता है।
राजनीतिक स्तर पर भी दबाव डलवाने की कोशिश की जा रही है। सुशील कुमार ने ट्विट करते हुए इस मामले में प्रधानमत्री मोदी और खेल मंत्रालय से दखल देने की गुहार लगाई है कि रियो ओलंपिक के 74 किलो भार वर्ग के लिए पहलवानों के बीच ट्रायल कराया जाए।
सूत्र बताते हैं कि सुशील खेमे की ओर से इस संबंध में देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात कर ट्रायल करवाने की अपील की गई है। यह तीसरा मौका होगा जब ओलंपिक के टिकट के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।
बृजभूषण शरण सिंह ने यह जरूर कहा है कि सुशील अगर लिखित में उनसे ट्रायल की मांग करते हैं या फिर खेल मंत्रालय इस संबंध में उनसे कुछ कहता है तो फिर वह इस मामले को कुश्ती संघ की चयन समिति पर छोड़ देंगे। चयन समिति की जो भी सिफारिश होगी। वही काम किया जाएगा।
इस दौरान सुशील कुमार ने बृहस्पतिवार को ही कुश्ती संघ के अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनसे नरसिंह के साथ ट्रायल कराने की मांग भी कर डाली। वहीं खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने साफ कर दिया कि चयन का अधिकार संघ के पास है। इसमें उनकी ओर से दखलंदाजी नहीं की जा सकती है। सुशील का कहना है कि अगर संघ को ट्रायल नहीं कराने हैं तो फिर उनकी तैयारियों पर खुद संघ और खेल मंत्रालय ने इतनी भारी-भरकम राशि क्यों खर्च की?
कुश्ती संघ का मानना है कि अगर सुशील-नरसिंह के बीच ट्रायल हुआ तो बाकी के सभी सात भार वर्गों में ट्रायल कराने होंगे, जो इस वक्त ओलंपिक की तैयारियों के लिए ठीक नहीं होगा। मामला बुरी तरह गहरा गया है। सुशील ट्रायल के लिए अपनी आवाज बुलंद करने के लिए शुक्रवार को खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल से भी मिलने जा रहे हैं।