New Delhi : पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में बने उग्रवादी ठिकानों पर ‘हमले’ किए। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन, अगर यह सच है तो यह पहला मौका होगा जब पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान की जमीं पर अभियान को अंजाम दिया हो।अफगानिस्तान में ऑपरेशन चलाने से कुछ ही घंटे पहले पाक आर्मी ने लाल शाहबाज कलंदर दरगाह पर आत्मघाती हमले के तार सीमा पार के आतंकवादियों से जुड़े होने का दावा किया था। गुरुवार को सिंध प्रांत के इस सूफी दरगाह पर हुए आत्मघाती हमले में 88 लोगों ने दम तोड़ दिया जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए। हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान ने दावा किया कि इसकी योजना अफगानिस्तान में स्थित उग्रवादी ठिकानों में बनायी गयी थी। पाक मिलिटरी के सूत्रों ने कहा कि अफगानिस्तान में सेना ने शुक्रवार रात हमला किया। लेकिन, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अगर इसकी पुष्टि होती है तो पाक सेना द्वारा अफगानिस्तान की धरती पर हमले का यह पहला वाकया होगा।
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के खैबर और मोहमंद आदिवासी एजेंसियों की सीमा से सटे अफगानी इलाकों में पाक सेना ने हमले किए। इनमें जमात-उल-अहरार आतंकी संगठन के चार कैंपों को निशाना बनाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि जमात-उल-अहरार ग्रुप के प्रमुख उमर खालिद खुरासैनी के कुछ प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाने के लिए सुरक्षा बलों ने भारी हथियारों और मोर्टार शेल्स का इस्तेमाल किया।
इस अधिकारी के मुताबिक, खैबर एजेंसी में लंदीकोटल के पास के लोगों से उनके घर खाली करवा लिए गए ताकि किसी तरह के नुकसान से बचा जा सके। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि जमात-उल-अहरार के डेप्युटी कमांडर आदिल बाचा समेत कुछ उग्रवादी हमले में मारे गए।पाकिस्तान सरकार ने अफगानिस्तान से कई बार कहा है कि वह पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपनी जमीं का इस्तेमाल नहीं होने दे। शुक्रवार को पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने अफगानिस्तान में शीर्ष अमेरिकी कमांडर जनरल जॉन निकोल्सन से कहा था कि अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियां और इनके खिलाफ निष्क्रियता ‘सीमा पार संयम की हमारी मौजूदा नीति की परीक्षा ले’ रही हैं। दरगाह पर हमले के बाद से पाकिस्तान आर्मी ने देशभर में अभियान चलाकर 100 आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया है।