जीवनशैली

पहले से और भी ज्यादा खतरनाक हो गया है जंक फूड का सेवन

आज के टाइम में जंक फूड लोगों की डाइट का अहम हिस्सा बन चुका है. लेकिन पिछले तीन दशक में रेस्टोरेंट में जो जंक फूड परोसा जा रहा है उसकी क्वालिटी में भारी गिरावट आई है. इन रेस्टोंरेट ने अपने मेन्यू में स्प्राउट्स और सलाद तो शामिल करना शुरू कर दिया, लेकिन अपने जंक फूड में सोडियम की मात्रा बढ़ा दी है. इसके चलते लोगों में मोटापे की समस्या बहुत बढ़ गई.

एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डाइट जर्नल में प्रकाशित एक नई स्टडी के मुताबिक, पिछले 30 सालों में जंक फूड की क्वालिटी में भारी गिरावट आई है और इससे लोगों की सेहत पर पहले से ज्यादा बुरा असर पड़ रहा है. बोस्टन यूनिवर्सिटी द्वारा की गई इस स्टडी में बताया गया है कि जंक फूड में सोडियम और कैलोरी की मात्रा तो बढ़ ही है, साथ में दूसरी चीजों की मात्रा भी बढ़ा दी गई है.

स्टडी के मुख्य शोधकर्ता मेगन मैक्रोरी कहते हैं, ‘जंक फूड तो हमेशा से ही लोगों के बीच में लोकप्रिय रहा है लेकिन पिछले 30 साल में ये देखा गया है कि इसके चलते कई सारे लोग मोटापे और दूसरी समस्याओं की चपेट में आ रहे हैं. आजकल तो मौत का मुख्य कारण भी जंक फूड बन गया है.’

बता दें, इस स्टडी को बहुत ही व्यापक रूप में किया गया है. स्टडी करते समय 1986 से लेकर 2016 के बीच में 10 रेस्टोरेंट के जंक फूड का अध्ययन किया गया और समझने की कोशिश की गई कि बदलते समय के साथ उन्होंने अपने खाने में क्या परिवर्तन किया है.

इस स्टडी के परिणाम ज्यादा उत्साहजनक नहीं हैं. स्टडी के मुताबिक, इन सभी रेस्टोरेंट में स्टार्टर, डेजर्ट और अन्य व्यंजनों में 226 प्रतिशत की भारी भरकम बढ़ोतरी हुई है. शोधकर्ताओं को लगता है कि जंक फूड और मोटापे के बीच में गहरा रिश्ता है. उनके मुताबिक, लोगों का जंक फूड की तरफ बढ़ता रुझान उनकी सेहत पर नकारात्मक असर डाल रहा है.

स्टडी में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अब सभी रेस्टोरेंट ग्राहक को ज्यादा जंक फूड परोसते हैं,  जिसके चलते हमारी बॉडी में सोडियम ज्यादा जा रहा है और हमारे शरीर में कैलोरी  की मात्रा बढ़ गई है. वैसे स्टडी में कहा गया है कि डेजर्ट में अब आयरन और कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ गई है जो हमारी हड्डियों के लिए अच्छा है और हमें एनीमिया जैसी बीमारियों से सुरक्षित रखता है.

मैक्रोरी कहते है कि अब रेस्टोरेंटों को अपने काम करने तरीका बदलना होगा. शुरुआती दौर में अगर वो लोगों को सिर्फ इतना बताएं की कौन सी चीज में कितनी कैलोरी है, तो ये सकरात्मक कदम होगा.

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