पाँच दिन की यात्रा पर नरेंद्र मोदी जापान पहुंचे
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क्योटो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी पांच दिवसीय जापान यात्रा के शुरूआती चरण में आज यहां पहुंचे। उनकी इस यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों विशेषकर रक्षा, असैन्य परमाणु और वाणिज्य के साथ साथ ढांचागत क्षेत्र में नये आयाम खोलने के तौर पर देखा जा रहा है। भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर पहली द्विपक्षीय यात्रा पर मोदी का विमान आज यहां ओसाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा जहां से वह अपनी जापान यात्रा के पहले चरण की शुरूआत करेंगे। भारत में 100 स्मार्ट सिटी के निर्माण की अपनी परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए जापान के अनुभवों को देखने के लिए प्रधानमंत्री अपनी जापान यात्रा के पहले चरण में जापान की ‘‘स्मार्ट सिटी’’ क्योटो की यात्रा कर रहे हैं। मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे के बीच एक सितंबर को तोक्यो में महत्वपूर्ण शिखर बैठक होगी इस दौरान दोनों पक्ष सामरिक और वैश्विक भागीदारी को आगे बढ़ाने के उपायों पर गौर करेंगे। मोदी का जापान की इस यात्रा के दौरान काफी लंबा चौड़ा एजेंडा है। उन्हें उम्मीद है कि उनकी इस यात्रा से भारत-जापान के द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय जुड़ेगा और रणनीतिक तथा वैश्विक भागीदारी नई ऊंचाईयों पर पहुंचेगी। अपनी इस यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए ‘‘उत्साहित’’ मोदी ने जापान यात्रा की पूर्व संध्या पर कहा कि भारत के विकास और तरक्की के उनके दृष्टिकोण में जापान ‘‘बेहद महत्वपूर्ण’’ स्थान रखता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को इस यात्रा से काफी उम्मीदें हैं। दोनों पक्षों के बीच शीर्ष स्तर की वार्ता के दौरान रक्षा, असैन्य परमाणु, ढांचागत विकास और पृथ्वी की दुर्लभ खनिज संपदा के क्षेत्र में सहयोग जैसे मुद्दे विचार विमर्श के लिए एजेंडे में शीर्ष पर रहने की संभावना है। इस दौरान रक्षा और असैन्य परमाणु क्षेत्रों सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की भी उम्मीद है। इनमें से एक समझौता दुर्लभ खनिज संपदा के संयुक्त उत्पादन से संबंधित है। मोदी ने जापान यात्रा पर रवाना होने से पूर्व अपने बयान में कहा, ‘‘अपने अच्छे मित्र प्रधानमंत्री शिंजो एबे के निमंत्रण पर मैं भारत और जापान के बीच वार्षिक शिखर बैठक के लिए उत्सुकता से अपनी जापान यात्रा का इंतजार कर रहा हूं।’’ भारत के पड़ोस से इतर प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा होने को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि यह इस बात का महत्व दर्शाता है कि भारत की विदेश और आर्थिक नीतियों में जापान ‘‘शीर्ष प्राथमिकता’’ रखता है। मोदी ने कहा, ‘‘यह इस बात को भी परिलक्षित करता है कि भारत के विकास तथा समृद्धि और व्यापक संदर्भ में एशिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि को लेकर मेरा जो सपना है उसमें जापान सर्वोपरि महत्व रखता है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि मेरी यात्रा एशिया के दो पुराने लोकतंत्रों के बीच के संबंधों के इतिहास में एक नया अध्याय लिखेगी और हमारी सामरिक तथा वैश्विक भागीदारी को अगले उच्च स्तर तक ले जाएगी।’’