लखनऊ : स्वस्थ जीवन के लिये अनुशासित दिनचर्या जरूरी है। नियमित जीवनशैली और सेहत के प्रति सावधान रहने से व्यक्ति कापफी दिन तक जवान रह सकता है और अपनी उम्र बढ़ा सकता है। इसके अलावा योग और हल्का व्यायाम करने से शरीर सक्रिय रहता है। भोजन सादा करें। ज्यादा तैलीय और नमक-मिर्च खाने से परहेज रखें। रोज अपनी नींद पूरी करें। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए सात से आठ घंटे की नींद काफी होती है। तनाव और नशे से दूर रहें। अच्छी किताबें पढ़ें, अच्छे लोगों की संगति में रहें। इन नियमों का पालन करने से यकीनन बुढ़ापा आपसे दूर रहेगा।
हमेशा प्राकृतिक जीवन शैली अपनाइए। परिश्रम पर जोर दीजिए। पसीना बहाइए। चटपटे खाने से दूर रहिए। भारी और गरिष्ठ भोजन की आदत न डालें। समय-समय पर मौसमी फलों का सेवन कीजिए। खासतौर पर पपीते का सेवन आपको पेट संबंधी कई बीमारियों से बचाकर रखेगा। पपीते के गूदे को चेहरे पर रगड़ने से झाइयां प्रभावी नहीं होतीं। चेहरे पर चमक बरकरार रहती है। शरीर में पानी की कमी न होने दें। यह एक ऐसी चीज है जो शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मददगार होती है। पानी की उचित मात्रा शरीर को तरोताजा रखती है। रक्त, हृदय, गुर्दे और मस्तिष्क के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि पानी भरपूर पीएं। जो व्यक्ति कम पानी पीता है, उसके जीवन में बुढ़ापा भी जल्दी आता है। इस बात का खास ध्यान रखें। अगर कभी बीमार हों और स्थिति गंभीर न हो तो यथासंभव आयुर्वेद से उपचार कराइए। आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा बेहतर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। इनसे मनुष्य की जीवन शक्ति बढ़ती है। हमारे ऋषियों ने भी माना है कि दीर्घायु के लिए आयुर्वेद ही सबसे अच्छी चिकित्सा पद्धति है। वास्तव में आयुर्वेद एक जीवन पद्धति है जो हमें रोगों से बचाकर रखती है। रोज रात को तांबे के बर्तन में जल रखें। उसमें तुलसी के दो पत्ते मिलाएं। सुबह उसे खाली पेट पीएं। संभव हो तो हर रोज या फिर सप्ताह में कम से कम एक बार सूर्य की धूप में बैठें। यह प्रयोग आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगा और आप लंबी उम्र पाएंगे। यह प्रयोग त्वचा, खून और हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद है। आयुर्वेद विशेषज्ञ स्वस्थ जीवन के लिए अलसी के सेवन को लाभदायक बताते हैं।