जम्मू (एजेंसी)। पाकिस्तानी सेना और रेंजरों ने भारत और पाकिस्तान के बीच नवंबर 2003 से लागू संघर्ष विराम समझौते को आग में झोंक दिया है। पाकिस्तानी रेंजरों की ओर से संघर्ष विराम के उल्लंघन से जम्मू एवं कश्मीर में जम्मू सांबा और कठुआ जिलों में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले हजारों लोगों के लिए मुश्किल हालात पैदा कर दिए हैं। पाकिस्तानी रेंजरों की अकारण फायरिंग की जद में आने से इस महीने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान शहीद और बीएसएफ के नौ जवान और छह नागरिकों सहित 15 लोग घायल हो चुके हैं।एसएम पुर जासो चक और सुचेतगढ़ कुरियां गांव के निवासी अपने घरों जानवरों और खेतों को छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं। शुरू में छोटे हथियारों से होने वाली गोलीबारी की जगह पाकिस्तानी रेंजर अब 82 एमएम के मोर्टार शेल रॉकेट एवं अन्य घातक हथियारों का धड़ल्ले से इस्तेमाल करने लगे हैं।कई शेल नागरिकों की बस्ती में जाकर फटे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की यात्रा के एक दिन बाद पाकिस्तानी रेंजरों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 5० से ज्यादा जगहों पर मोर्टार से गोले दागे।गांव वालों का कहना है कि ये गोले उनके घरों और खेतों के बिलकुल समीप आकर फटे हैं।सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर के जासो चक गांव के एक निवासी ने कहा ‘‘हमारे लिए अपने घर में रहना या खेतों की रखवाली करना मुश्किल हो गया है। यहां तक कि जानवर भी गोलियों से डर कर भाग रहे हैं। अपनी जान बचाने के लिए दूसरी जगहों पर जाने के अलावा हमारे पास और कोई दूसरा चारा नहीं है।’’