पाकिस्तान करे मुम्बई के हमलावरों पर कार्रवाई
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
वाशिंगटन: भारत और अमरीका ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए वर्ष 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमलों के साजिशकत्र्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा है और साथ ही अंडरवल्र्ड सरगना दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी, अल कायदा, लश्कर-ए-तोयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हक्कानी नैटवर्क को दक्षिण एशिया के लिए खतरा बताया है।विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके अमरीकी समकक्ष जॉन कैरी के बीच पहली भारत-अमरीका रणनीतिक एवं व्यावसायिक वार्ता के दौरान आतंकवाद पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया। दोनों देशों ने जुलाई में पंजाब के गुरदासपुर और अगस्त में जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की।संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और अमरीका दक्षिण एशिया की स्थिरता को कमजोर करने में लगे अल कायदा, लश्कर-ए-तोयबा, जैश-ए-मोहम्मद, डी कंपनी और हक्कानी नैटवर्क व अन्य क्षेत्रीय आतंकवादी समूहों से उत्पन्न चुनौती से मिलकर लडऩे को प्रतिबद्ध हैं। इस घोषणा पत्र का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि यह ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले हैं। नवाज शरीफ वहां कश्मीर और नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी का मुद्दा उठा सकते हैं।सुषमा स्वराज ने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खतरे से लडऩे में आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए सहमत हैं।। अमरीका ने मिसाइल टैक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (एम.टी.सी.आर.) में भी भारत के प्रवेश का समर्थन करते हुए कहा है कि इससे वह उसके साथ सशस्त्र ड्रोन जैसी संवेदनशील मिसाइल प्रौद्योगिकी सांझा कर पाएगा। अमरीका, भारत और जापान ने अपनी त्रिपक्षीय सांझेदारी को मंत्री के स्तर तक आगे ले जाने का निर्णय किया है जिसके लिए पहली बैठक अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर होगी।