पाकिस्तान में इसबार होगी त्रिशंकु सरकार, सर्वे में शहबाज सबसे पसंदीदा चेहरा
पाकिस्तान के इतिहास में 25 जुलाई को होने वाले मतदान में यह दूसरी बार होगा जब दूसरी बार लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता का हस्तांतरण होगा।
हालांकि, सभी प्रमुख राजनीतिक दल गैर सरकारी संगठनों द्वारा कराए गए सर्वे में सत्ता में आने का दावा कर रही हैं। अलग-अलग संगठनों द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में से पता चल रहा है कि इस बार चुनाव में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहा है। सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियां जीत का दावा तो कर ही रहीं हैं वहीं पाकिस्तान की आवाम भी अब अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो रही है।
हालिया सर्वे में पता चला है कि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज में ‘नेक टू नेक की फाइट’ है। वहीं राजनीतिक के जानकार यह भी मान रहे हैं कि इस बार ‘त्रिशंकु सरकार’ बनने के आसार पैदा हो रहे हैं। क्योंकि अब वहां की आवाम ये मान रही है कि पाकिस्तान गलत दिशा की तरफ बढ़ रहा है।
हालिया कराए गए सर्वे में यह भी पता चला है कि इस बार मतदान के लिए अधिक से अधिक लोग भाग लेंगे और मतदान का आंकड़ा 2013 की तुलना में 10 फीसदी तक बढ़ सकता है। यानी 2013 में 76 फीसदी लोगों ने मतदान किया था जो बढ़ कर 82 से 85 फीसदी हो सकता है।
किसके सिर पर सजेगा पाकिस्तान का ताज
इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन रिसर्च (आईपीओआर) ने निर्वाचन क्षेत्रों की अलग अलग सर्वे किया जिसमें पता चला कि पूरे पंजाब में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज अपनी बढ़त अभी भी बनाए हुए है। लेकिन अब जब नवाज शरीफ और उनका पूरा परिवार भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया है तब भी उनकी पॉपुलैरिटी आवाम में बनी हुई है। बता दें कि चुनाव के मद्देनजर सर्वे में लगी अलग अलग संस्थाएं अपना अनुमान बता रही हैं।
अगर आज चुनाव हो जाते हैं तो 32 फीसदी जनता पीएमएल-एन के साथ, पीटीआई-29 फीसदी और 13 फीसदी लोग पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) के साथ खड़े हैं। आईपीओरआर पाकिस्तान के अलग अलग निर्वाचन क्षेत्र में सर्वेक्षण किया है। यह संस्था अमेरिकी फर्म ग्लोबर स्ट्रैटिजिक पार्टनर भी है। संस्था ने यह सर्वे 13 जून से लेकर जुलाई 4 तक किया है। जिसमें पूरे पाकिस्तान के करीब 3,735 लोगों ने भाग लिया।
सर्वेक्षण में इमरान खान और उनकी पार्टी की पॉपुलैरिटी तेजी से बढ़ी है। नवंबर में पीटीआई को जहां 27 फीसदी लोग पसंद कर रहे थे वह अब बढ़कर 29 फीसदी हो गए हैं। माना ये जा रहा है कि नवाज परिवार का नाम घोटाले और भ्रष्टाचार में आने के बाद उनकी पॉपुलैरिटी में कमी दर्ज की गई है।
छह प्रसिद्ध चेहरों में शहबाज शरीफ ने मारी बाजी
यह मजेदार है कि सर्वेक्षण में सबसे पसंदीदा प्रधानमंत्री की बाजी शहबाज शरीफ ने मारी। छह चेहरों में प्रधानमंत्री पद के प्रबल उम्मीदवार आज भी पीएनएल-एन के शहबाज शरीफ हैं। छह लोगों में इमरान खान, नवाज शरीफ, शाहीद खकान अब्बासी, मरयम नवाज और बिलावल भुट्टो शामल हैं। पसंदीदा चेहरों में देश का विकास और परफॉरमेंस के मामले में शहबाज ने बाजी मारी। वहीं बदलाव और ईमानदारी के मामले में इमरान खान ने बाजी मारी।
कौन हैं शाहबाज
शाहबाज शरीफ का जन्म 1951 हुआ। शहबाज 2013 से पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हैं। 2013 में उन्होंने तीसरी बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इससे पहले शहबाज, फरवरी 1997 से अक्टूबर 1999 और जून 2008 से मार्च 2013 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। शाहबाज शरीफ मरहूम मियां मुहम्मद शरीफ के बेटे हैं। उनके भाई, नवाज शरीफ पाकिस्तान के पीएम थे। जिन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोग्य घोषित कर दिया है। उनके बेटे, हमजा शाहबाज शरीफ पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा के सदस्य हैं।
शहबाज शरीफ ने लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक किया। शहबाज ने एक बीजनेस मैन के तौर पर अपने कैरियर की शुरुवात की और 1985 में लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट बने।
अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने कई ऊंच-नीच देखी है। राजनीति में सक्रीय रूप से आने के बाद वह 1988 से 1990 तक वह पंजाब असेंबली के मेंबर रहे और 1990 से 1993 तक शाहबाज नेशनल असेंबली के भी मेंबर रह चुके हैं।
पाक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने जा रहे शाहबाज 1993 से 1996 तक पंजाब विधानसभा में विपक्षी नेता की भी भूमिका अदा कर चुके हैं। इसके बाद 1997 में वह पहली बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने और 1999 तक राज्य की कमान उनके हाथों में रही। इसके बाद पंजाब में पीएमएल-एन के दोबारा जीतने पर उन्हें 2008 में पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया गया। अपने पांच साल का शासनकाल पूरा करने के बाद शाहबाज 2013 में तीसरी बार पंजाब का मुख्यमंत्री बने।
कौन सी पार्टी के लिए क्या स्लोगन
जब लोगों ने सर्वे में पूछा गया कि कौन सी पार्टी के लिए उन्होंने सबसे ज्यादा क्या सुना है तो लोगों ने बताया कि पीएमएल-एन को करप्ट पार्टी, के रूप में जाना है जिसमें इसके विकास के काम के साथ पनामा स्कैंडल को भी जोड़ा गया। जबकि पीटीआई को भ्रष्टाचार से लड़ने वाली पार्टी बताया है। लेकिन इमरान अपनी शादियों और पत्नी बुशरा और रेहम खान की वजह से लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे। जबकि वोट को इज्जत दो का स्लोगन देने वाले नवाज को भी लोगों ने खूब इज्जत दी है।