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पाकिस्तान में हो सकता है अगला सरबत खालसा: सरना

दस्तक टाइम्स/एजेंसी- e_1447536303अमृतसर। अमृतसर में हुए सरबत खालसा पर विवाद होने के बाद अब गर्मख्याली सिख अगला सरबत खालसा पाकिस्तान में अायोजित कर सकते हैं । 25 नवंबर को पाक के ननकाना साहिब में गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर दुनियाभर के सिख इस बारे में विचार चर्चा करेंगे। दिल्ली गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने शुक्रवार को यह बात अमृतसर में कही। उन्होंने कहा-इसमें उन सिख संगठनों के लोग भी शािमल हो सकेंगे जो किसी कारण से भारत नहीं आ सकते।
 
उन्होंने कहा-सरबत खालसा करके श्री अकाल तख्त सहिब की आजाद हस्ती, सिखों की घटती आबादी, जत्थेदारों की नियुक्ति और उनके कार्य क्षेत्र के बारे में पंथ को एकजुट होना जरूरी है।
 पंजाब में जो सरबत खालसा किया है उसके भी तार बाहर ही जुड़े हुए लग रहे हैं । तो क्या अब परमजीत सिंह सरना बची हुई कसर भी पूरी करना चाहते हैं।
डॉ दलजीत चीमा, शिक्षामंत्री
 
सरबत खालसा में सभी को शामिल होना चाहिए। लेकिन इतने लोग पाक जाएंगे कैसे? बुद्धिजीवी वर्ग से राय करके फैसलें लेंगे तो बेहतर होगा।
गुरनाम सिंह सिद्धू, यूनाइटेड अकाली दल
 
हमारे पास श्री अकाल तख्त साहिब, एसजीपीसी जैसे कई प्लेटफॉर्म हैं जहां विचार कर सकते हैं। कौम को संकट से निकालने के प्रयास कर सकते हैं।
करनैल पंजौली, एसजीपीसी अमृतसर
 
फोन टैपिंग सबूत, कांग्रेस ने भेजे थे आदमी: शिअद
सरबत खालसा के मुददे पर अकाली दल और कांग्रेस में राजनीतिक जंग तेज हो गई है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर तीखे हमले करने में लग गई हैंं। अकाली दल का आरोप है कि इस सबके पीछे कांग्रेस का हाथ है व सरबत खालसा में कांग्रेसी शामिल हुए थे। अकाली दल अब कांग्रेसी नेताओं की रिकॉर्ड की गई फोन कॉल को मुद्दा बना रहा है कि किस तरह कांग्रेस ने सरबत खालसा को सफल बनाने के लिए अपने लोग भेजे। अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत िसंह चीमा ने कहा, 10 नवंबर को इकट्‌ठ ने पक्के तौर पर साबित कर दिया कि कांग्रेस एक बार फिर पंजाब व देश को काले दौर की ओर धकेलने की साजिश रच रही है। अकाली नेता ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान प्रताप सिंह बाजवा को भी चेतावनी दी कि वे आग से न खेलें, क्योंकि इससे उनके हाथ जल जाएंगे।
 
उन्होंने कहा, राज्य प्रधान अपनी पार्टी के रमनजीत सिक्की, इंद्रजीत जीरा, लाली मजीठिया और हरमिंदर गिल को पूर्व आतंकियों के साथ देने के जुर्म में दोषमुक्त करने की कोशिश न करें। क्योंकि लाली मजीठिया और हरमिंदर गिल की अलगाववादी नेताओं के साथ सरबत खालसा वाले दिन सामने आई फोन कॉलों से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस ने गड़बड़ी फैलाने के लिए केवल उत्तेजित ही नहीं किया, बल्कि सरबत खालसा में भीड़ बढ़ाने के लिए मदद करने का वचन भी दिया।
 
मुलाजिमों की भूमिका की जांच को सब कमेटी गठित
अमृतसर। दिवाली (बंदी छोड़ दिवस) के मौके पर सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में कमेटी मुलाजिमों की भूमिका के लिए प्रधान जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ ने तीन मेंबरी सब कमेटी का गठन किया है। कमेटी प्रवक्ता डीएस बेदी ने बताया कि कमेटी में राजिंदर सिंह मेहता, मोहन सिंह बंगी तथा निरमैल सिंह जौलां का नाम शामिल है। उनका कहना है कि कुछ लोग यह कह रहे हैं कि उस वक्त जो कुछ हुआ वह दरबार साहिब, धर्म प्रचार कमेटी तथा एसजीपीसी के मुलाजिमों की लापरवाही के कारण हुआ है। बेदी के मुताबिक कमेटी अपनी रिपोर्ट 15 दिन के भीतर प्रधान साहिब को सौंपेगी।
 
गिरफ्तारी को छापेमारी
गर्मख्याली पंथक नेताआंे द्वारा अायोजित सरबत खालसा के दौरान देश विरोधी गतिविधियों में नामजद लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है। जबकि समागम में घोषित जत्थेदार अमरीक सिंह अजनाला, ध्यान सिंह मंड और बलवीर सिंह दादूवाल पहले से ही 14 दिन के लिए ज्यूडिशियल रिमांड पर हैं। थाना चाटीविंड के प्रभारी रविंदर सिंह ने कहा, अभी कोई पकड़ा नहीं गया है। अभी वह पूरे मामले पर कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा, कुछ स्थानों पर छापेमारी की गई है। सुरक्षा कारणों के मद्देनजर अभी इसे डिस्कलोस नहीं किया जा सकता।
 
गृहमंत्री के पास जाएंगे
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंघ सरना ने बताया कि कुछ गर्मख्याली पंथक नेताओं पर दर्ज देशद्रोह के मामले को केंद्रीय गृहमंंत्री के पास ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा, यह बादल सरकार की बौखलाहट व डर का नतीजा है। सरकार गिरी हुई साख को सुधारने, जनता के मनों में डर पैदा करने के लिए ऐसी पंथ विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रही है। देशद्रोह का केस उसके खिलाफ दर्ज किया जाता है, जिसने देश विरोधी और देश की प्रभुसत्ता को नुकसान पहुंचने वाला काम किया हो। उनका कहना है कि यह मामला दुर्भावना से प्रेरित है।
शिअद को टैपिंग पर िवश्वास है तो कोर्ट में आओ : कांग्रेस
 
कांग्रेस प्रधान प्रताप सिंह बाजवा ने अकाली दल के इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने कहा, यदि अकाली दल को इस टेप के बारे में इतना विश्वास है तो वह स्वीकार करें कि पंजाब सरकार ने ये फोन टैपिंग करवाई है। उन्होंने कहा, यदि सुखबीर इसे स्वीकारते हैं तो वह अदालत में दस्तक देंगे और वहां पर जो भी फैसला आएगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि दो लोग सरबत खालसा में गए थे लेकिन वह हालातों से प्रभावित होकर गए थे और उन्हें नहीं मालूम था कि स्टेज पर खालिस्तान की मांग को भी उठाया जाएगा। उन्होंने कहा, इससे पहले आप लीडर भगवंत मान, पीपीपी लीडर मनप्रीत बादल सहित कई नेताओं के फोन होते रहे है टैप। बाजवा ने कहा कि शुरू से ही सुखबीर की यही चाल रही है कि जो इनके पक्ष में बोलता है उसे वह समर्थन देते है और जो इनके खिलाफ बोलता है उन्हें देशद्रोही करार देते हैं।
बाजवा ने कहा, उनके द्वारा पंजाब में बेअदबी मामलों के पीछे आरएसएस का हाथ होने के बयानों के बाद संघ ने उन्हें नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा, वह अभी भी इस बयान पर कायम हैं। उधर लोकसभा में कांग्रेस पक्ष के उपनेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम बादल को नींद से बाहर निकलने व अपनी चुप्पी तोड़ने की सलाह दी। साथ ही कहा, एक बार फिर हालातों से भागकर व खुद को बचाने के लिए दूसरी कतार के नेताओं को आगे कर राज्य को नुकसान पहुंचाया है।

 

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