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पाकिस्तान से गीता पहुंची ‘स्वदेश’, चेहरे पर मुस्कान, आंखे हुई नम

2015_10$largeimg226_Oct_2015_105746153दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली:

दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली:
नयी दिल्ली/कराची : पाकिस्तान में रह रही मूकबधिर भारतीय महिला गीता पाकिस्तान से आज सुबह करीब 10 : 45 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट  पहुंची जहां उनका स्वागत भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों और पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों ने किया. उसके साथ एदी फाउंडेशन के 5 सदस्य साथ भी साथ आए हैं. एयरपोर्ट से बाहर निकली गीता के चेहरे पर मुस्कान था. वहां मौजूद लोगों का हाथ हिलाकर उन्होंने अभिवादन किया. भारत के जमीन पर कदम रखने के बाद खुशी से उनकी आंखे नम हो गयी.

आपको बता दें कि दोनों देश की सरकारों ने गीता की स्वदेश आने की यात्रा को अंतिम मंजूरी दे दी थी. गौरतलब है कि यहां उसका डीएनए टेस्ट करवाकर परिवार को सौंपा जाएगा. बिहार के सहरसा के रहने वाले परिवार ने गीता को अपनी बेटी बताया है.

गीता के भारत आने की खबर पर उसके पिता जर्नादन महतो ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं जब गीता यहां पहुंचेगी तो गांव में दिवाली मनायी जाएगी. पूरे गांव में त्योहार सा माहौल हो जाएगा. गीता के भाई विनोद ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि खुद भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद घर लौट रहे हैं.

नई दिल्ली जाने के लिए पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस में सवार होने से पहले बेहद खुश नजर आ रही गीता ने पाकिस्तानी जनता का शुक्रिया अदा किया कि उन्होंने इतने वर्ष तक उसका ख्याल रखा. एदी फाउंडेशन के फैजल एदी ने संवाददाताओं को बताया कि वे सोशल मीडिया के जरिए गीता के संपर्क में बने रहेंगे और यहां तक कि उससे मिलकर भी आया करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘वह हमसे वास्तव में अलग नहीं हो रही है.’ पाकिस्तानी मीडिया की खबर के अनुसार, इस संस्था की बिलकीस एदी और उनके पोता-पोती साद और सबा एदी नई दिल्ली तक गीता के साथ जा रहे हैं.

अब 23 साल की हो चुकी गीता उस समय महज सात या आठ साल की थी, जब वह आज से 15 साल पहले पाकिस्तानी रेंजर्स को लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सपे्रस में अकेली बैठी मिली थी. बिलकीस एदी ने गीता को गोद ले लिया था और तब से वह उनके साथ कराची में ही रहती थी.

गीता ने अपने परिवार को एक तस्वीर के जरिए पहचाना था. यह तस्वीर उसे इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने भेजी थी. गीता का परिवार कथित तौर पर बिहार से है. फैजल एदी के अनुसार, गीता ने उन्हें सांकेतिक भाषा में बताया था कि उसके पिता एक बूढे व्यक्ति थे और उसकी एक सौतेली मां और सौतेले भाई-बहन थे.

गीता ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि मैं अपने वतन लौट रही हूं जिसकी मुझे काफी खुशी है. मुझे पाकिस्तान की हर चीज की याद आएगी लेकिन मैं यहां के लोगों से स्काईप में बात करूंगी. अपने मंदिर को वह अपने साथ लेकर आ रही है जो उसे इदी फाउंडेशन की याद दिलाता रहेगा. उसने कहा कि मैं अपने घर वालों से मिलने का इंतजार कर रही हूं. मैं अपनी मां को गले लगा लूंगी जैसा की बजरंगी भाईजान में नजर आया था.

 

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