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पाकिस्‍तान के लिए और भी कड़ी कार्रवाई की है तैयारी, नरम नहीं होने वाला अमेरिका

न्यूयॉर्क। आतंक की पनाहगाह पाकिस्तान को लेकर अमेरिका लगातार सख्त रुख अपनाए हुए है। मंगलवार को अमेरिका द्वारा पाक को दी जाने वाली 1,628 करोड़ की आर्थिक मदद पर रोक के बाद व्हाइट हाउस ने और सख्त कदम उठाने की तरफ इशारा किया है। अब अमेरिका पाकिस्तान को दी जाने वाली हर आर्थिक मदद रोकने पर विचार कर रहा है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने दी है। वह न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय के बाहर पत्रकारों से बात कर रही थीं।पाकिस्‍तान के लिए और भी कड़ी कार्रवाई की है तैयारी, नरम नहीं होने वाला अमेरिका

हेली ने आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान पर अमेरिका के साथ दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाया। कहा कि जब तक पाक आतंक को ब़़ढावा देना बंद नहीं करता, अमेरिका की सख्ती जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक मदद पर रोक लगाने के लिए कारण बिलकुल साफ हैं। पाकिस्तान ने वषर्षो से अमेरिका के साथ दोहरा खेल खेला है। ट्रंप प्रशासन इसे कतई स्वीकार नहीं करने वाला है।

हेली ने कहा कि वे (पाकिस्तानी) हमारे साथ काम करते हैं और आतंकियों को पनाह भी देते हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान में हमारे सैनिकों पर हमले किए। ट्रंप प्रशासन इसकी इजाजत कतई नहीं देगा। आतंकवाद के खिलाफ ल़़डाई में अमेरिका पाकिस्तान से बहुत अधिक सहयोग की उम्मीद करता है। निश्चित तौर पर गंभीर हालात हेली ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी तरह की सहायता को रोकने की मंशा जताई है। अगर पाकिस्तान ने आतंकियों की मदद का अपना रवैया नहीं छोड़ा तो उसे हर तरह की अमेरिकी मदद से हाथ धोना पड़ेगा।

हेली ने कहा, समस्या गंभीर हो गई है। राष्ट्रपति अगर नए साल के रात भर चले जश्न से थके लोगों को सुबह 6.12 बजे इस तरह का संदेश दे रहे हैं तो निश्चित रूप से हालात गंभीर बन गए हैं। अब उन्हें नहीं झेला जाएगा। अमेरिकी सैनिक की हत्या से भ़़डके थे ट्रंप नई साल की सुबह अफगानिस्तान में आतंकियों के हाथों अमेरिकी सेना के जवान स्टीफेंस की हत्या ने ट्रंप को इतना नाराज कर दिया कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंधों की सीमा तय कर दी। अपने पूर्ववर्तियों-जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा के पाकिस्तान को सहायता देने के फैसलों को मूर्खतापूर्ण तक कह दिया।

पिछले 15 साल में पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने के लिए दी गई 33 अरब डॉलर (दो लाख दस हजार करोड़ रुपए) की मदद को फिजूल बताया। कहा कि हम पाकिस्तानियों के पाले गए आतंकियों से लड़ रहे हैं और पाकिस्तान हमसे मदद लेकर हमें लगातार धोखा दे रहा है। ट्रंप के इस एलान के बाद ही अमेरिकी प्रशासन ने 25.5 करोड़ डॉलर (1,628 करो़ड़ रुपए) की सहायता रोक दी।

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