नई दिल्ली। पठानकोट में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से सख्त रुख अपना लिया है। इस्लामाबाद में इसी महीने होने वाली सेक्रेटरी लेवल की बातचीत से पहले भारत ने पठानकोट हमले के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। भारत ने साफ कर दिया है कि विदेश सचिव स्तर की वार्ता अगर होती है तो पाकिस्तान भी यह सुनिश्चित करे कि जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी गुटों पर लगाम लगाएगा। यानी साफ है कि इस वार्ता में मुद्दा पाकिस्तान की कार्रवाई का ही रहेगा। वहीं, अमेरिका ने भी नवाज शरीफ सरकार से जल्द कदम उठाने की उम्मीद की है। वार्ता इसी महीने 14-15 जनवरी को होनी है।
अंग्रेजी अखबर टाइम्स ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि भारत में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पीएम नवाज शरीफ ने सख्त कार्यवाई का वादा किया था। उनके इस फैसले पर पाकिस्तानी सेना भी उनके साथ नजर आ रही है। लेकिन पीएम मोदी के अचानक पाकिस्तान दौरे से दोनों देशों में रिश्ते अच्छे हुए थे और इन रिश्तों को बनाए रखने के लिए पाकिस्तान को दिखाना तो पड़ेगा कि उसने कोई कार्रवाई की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संभव है जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की गिरफ्तारी जल्द न हो पाए, पर उसके छद्म धार्मिक गुटों पर तो कार्रवाई होनी ही चाहिए। पाकिस्तान को इन गुटों और आतंकी कैंपों को बंद करना चाहिए। भारत इसके सबूत पाकिस्तान को सौंप चुका है कि पठानकोट के आतंकी सीमापार से ही आए थे।
पठानकोट के वायुसेना प्रतिष्ठान पर हुए आतंकी हमले के मामले में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से फोन पर बात की है। नवाज शरीफ ने कैरी को बताया है कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही सच सामने आएगा। शरीफ ने कैरी को आश्वस्त किया कि पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी और देश पर आतंकी हमले के लिए किसी कीमत पर करने नहीं देगा। जॉन कैरी ने भी शरीफ से कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता जारी रहनी चाहिए।