अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्‍तान में मुशर्रफ की मौत की सजा के बाद उनके पक्ष में उतरी सेना

इस्‍लामाबाद: पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा के बाद सेना और अदालत आमने-सामने हैं। सेना ने अदालत के फैसले पर सवाल उठाए हैं। अगर यह विवाद गहराया तो पाकिस्‍तान में एक संवैधानिक संकट उत्‍पन्‍न हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि आखिर ऊंट किस करवट बैठता है।

यह विवाद सेना के एक पत्र से उत्‍पन्‍न हुआ है, जो इस समय वायरल हो रहा है। दरअसल, पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा के बाद पाकिस्‍तान सेना में इस फैसले के खिलाफ नाराजगी है। सोशल मीडिया पर इन दिनों यह बहस तेज हो गई है। सेना ने इस पर अभियान छेड़ रखा है। सेना ने मुशर्रफ की वीरता की तारीफ की है। पाकिस्‍तान के डीजी आइएसपीआर ने इसको लेकर एक ट्वीट किया और एक पत्र जारी किया है। इस पत्र को सेना ने शेयर किया है।

इस पत्र में कहा गया है कि पूर्व सेना प्रमुख, स्‍टाफ कमिटी के ज्‍वाइंट चीफ और पूर्व राष्‍ट्रपति जिसने 40 वर्षों तक देश की सेवा की कई अहम युद्धों ने भाग हिस्‍सा लिया। ऐसे में वह गद्दार कैसे हो सकते हैं। इस पत्र के जरिए सेना ने मुशर्रफ का समर्थन किया है। सेना ने अदालत के फैसले पर भी सवाल उठाया है। सेना का तर्क है कि अदालत ने सजा देने की प्रक्रिया में पाकिस्‍तान के संविधान की अनदेखी की गई है। पाकिस्‍तान सेना का तर्क है कि पूर्व राष्‍ट्रपति का सजा देने में संविधान की अनदेखी की गई है। आत्‍मरक्षा का अधिकार का उल्‍लंघन किया गया है। इसमें मौलिक अधिकारों का उल्‍लंघन किया गया है। सेना के इस पत्र में कहा गया है कि हम उम्‍मीद करते हैं कि परवेज मुशर्रफ के साथ न्‍याय किया जाएगा।

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