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पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा- स्थगित हो चुकी है शांति प्रक्रिया-भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में फिर दरार

108626-abdul-basitनई दिल्ली : भारत-पाक रिश्तों में फिर से दरार पैदा करते हुए पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि द्विपक्षीय शांति वार्ता प्रक्रिया ‘निलंबन’ की स्थिति में है। यह इस बात का संकेत है कि इस्लामाबाद भारत के जांच अधिकारियों को अपने यहां की यात्रा करने की इजाजत नहीं देगा। उन्होंने भारत पर पाकिस्तान में अशांति पैदा करने का आरोप भी लगाया।

पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने मीडिया के साथ बातचीत के दौरान कुछ सपाट बातें रखीं और यह कहा कि मौजूदा समय में शांति प्रक्रिया ‘निलंबित’ चल रही है। वैसे भारत ने अब तक इस बात को स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने भारत की उन उम्मीदों पर पानी फेर दिया कि एनआईए के जांच अधिकारियों को पठानकोट आतंकी हमले की जांच के संदर्भ में पाकिस्तान की यात्रा की इजाजत दी जाएगी। पाकिस्तान का एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) हाल ही में भारत आया था।

बासित ने कहा, ‘मेरे हिसाब से पूरी जांच आदान-प्रदान के सवाल को लेकर नहीं है। यह काफी हद तक सहयोग अथवा हमारे देशों का एक दूसरे के साथ सहयोग के बारे में है ताकि इस घटना की तह तक पहुंचा जा सके।’ पाकिस्तानी जेएआईटी के भारत के दौरे के बाद भारत को यह उम्मीद थी कि एनआईए के जांच अधिकारियों की एक टीम पाकिस्तान का दौरा करेगी। विदेश मंत्रालय ने आज इसकी पुष्टि की कि वह जल्द ही एक दल पाकिस्तान भेजना चाहेगा।

बासित ने ‘विदेश संवाददाता क्लब’ में लिखित बयान के साथ बातचीत की शुरूआत की जिसमें उन्होंने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण यादव को पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में पकड़े जाने के मामले का हवाला दिया। पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि यादव की गिरफ्तारी स्पष्ट रूप से उस बात को आगे बढ़ाती है जो पाकिस्तान लंबे समय से कहता आ रहा है। उन्होंने पाकिस्तान के इस आरोप को दोहराया कि भारत ब्लूचिस्तान में दिक्कत पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम सभी उन लोगों से अवगत हैं जो पाकिस्तान में अशांति पैदा करने और देश को अस्थिर करने की कोशिश में है।’ 

पाकिस्तान के एक टिप्पणीकार ने टीवी पर कहा कि बासित पाकिस्तान के लिए बोल रहे थे। एक दिन पहले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें सेना के सभी अंगो के प्रमुख शामिल हुए। दोनों देशों के विदेश सचिवों की मुलाकात की संभावना के बारे में पूछे जाने पर बासित ने कहा कि ऐसी किसी बैठक का कोई कार्यक्रम नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान भारत के साथ ‘हमारी सभी समस्याओं’ को हल करने के लिए ‘समग्र और सार्थक’ बातचीत करना चाहेगा।

बासित ने कहा, ‘परंतु अगर भारत अभी तैयार नहीं है, तो हम इंतजार कर सकते हैं। क्योंकि जहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो हम बातचीत की प्रक्रिया को हमारी समस्याओं को हल करने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। यह किसी एक देश का दूसरे देश के साथ अहसान करना नहीं है। हम इंतजार करेंगे और यह देखेंगे कि भारत किस तरह का रूख अपनाता है।’ जम्मू-कश्मीर ‘विवाद’ को ‘परस्पर अविश्वास’ का मुख्य कारण करार देते हुए पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि इसका लोगों की अकांक्षाओं के मुताबिक ‘निष्पक्ष और उचित’ समाधान जरूरी है।

बासित से जब पूछा गया कि पठानकोट हमले के दोषी मसूद अजहर को लेकर चीन के रुख पर पाकिस्तान का क्या कहना है? भारत मसूद अजहर को पठानकोट हमले का दोषी मानता है।
तो बासित ने कहा, ‘हम चीन के रुख को सही मानते हैं।’ चीन ने पिछले हफ़्ते संयुक्त राष्ट्र में भारत की ओर से मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने के प्रयासों को वीटो कर दिया था।
चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा था कि ये मामला ‘नियमों को पूरा नहीं करता।

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