सूत्रों के अनुसार आर्मी अमेरिका से अमेरिकी अपाचे 64D हमले के हेलिकॉप्टरों का नवीनतम संस्करण खरीदना चाहती है। आर्मी इसके 39 इकाइयों को खरीदना चाहती है जिसकी कीमत 12 हजार करोड़ से अधिक है।
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अगर इस खरीद को मंत्रालय की मंजूरी मिलती है, तो इससे सेना देश में इन हेलिकॉप्टरों के सबसे बड़े ऑपरेटरों में से एक होगी। बता दें वायु सेना ने हाल ही में इन 22 फ्लाइंग मशीनों के लिए एक अनुबंध को अंतिम रूप दिया था।
आर्मी इस हेलीकॉप्टरों पर अपनी नियंत्रण चाहती है जबकि एयरफोर्स इसे अपने अधीन चाहती है। आर्मी का कहना है कि युद्ध के समय में वह थलसेना की मदद के लिए बेहतर स्थिति में होंगे क्योंकि वे भूमि युद्ध को एयरफोर्स से बेहतर समझते हैं। एक आर्मी ऑफिसर ने बताया कि हमने एयर फोर्स से 22 अपाचे हमें देने को कहा लेकिन वह सहमत नहीं हुए। यहां तक की 50 फीसदी बंटवारे को भी उन्होंने मना कर दिया।
39 हेलिकॉप्टरों के अधिग्रहण की योजना के बारे में सूत्रों ने कहा कि हेलिकॉप्टरों को 10 के तीन स्क्वाड्रनों में विभाजित किया जाएगा और स्ट्राइक कोर के साथ चीन और पाकिस्तान में तैनात किया जाएगा। सेना अपने हेलिकॉप्टर बेड़े के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में है क्योंकि यह अपने लिए 200 कामोव लाइट हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया का नेतृत्व कर रही है और वायु सेना अपने चीता और चेतक हेलीकाप्टरों को ऊंचाई वाले सैन्य ठिकानों पर ऑपरेशन के लिए स्थांनातरित करेगी।