पाक सरकार ने प्रदर्शनकारियों की मांग ठुकराई
इस्लामाबाद। पिछले साल के कथित चुनावी कदाचार की स्वतंत्र जांच के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से 30 दिन के लिए अपने पद से हटने की प्रदर्शनकारियों की मांग ठुकरा दिए जाने के बाद आज राजनीतिक गतिरोध 11वें दिन में प्रवेश कर गया है और प्रगति के कोई आसार नहीं दिख रहे। शनिवार रात सरकार और इमरान खान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वार्ताकारों के बीच वार्ता का तीसरा दौर हुआ लेकिन यह वार्ता गतिरोध भंग करने में नाकाम रही। पीटीआई ने मांग की थी कि पिछले साल के कथित चुनावी कदाचार की स्वतंत्र जांच के लिए शरीफ 30 दिन के लिए अपने पद से हट जाएं, लेकिन सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। बैठक के बाद, खान के मुख्य वार्ताकार शाह महमूद कुरैशी ने पत्रकारों को कहा कि निर्दोष साबित होने पर शरीफ सत्ता में लौट सकते हैं। सरकार के प्रतिनिधि अहसन इकबाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग स्वीकार्य नहीं है। खान और धर्मगुरु ताहिर-उल-कादरी के हजारों समर्थक यहां संसद भवन के बाहर डेरा डाले हैं। उनके प्रदर्शन का आज 11वां दिन है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार सरकार ने सुरक्षा कारण बताते हुए कौमी असेंबली और उसके इर्दगिर्द ‘रेड जोन’ में मोबाइल फोन सेवा निलंबित कर दी है। ऐसी भी रिपोर्टें हैं कि प्रदर्शन स्थल को जोड़ने वाली सभी सड़कों को अवरूद्ध करने की ताजा कोशिश हो रही है। इस बीच, खान ने विद्रोही रूख बरकरार रखते हुए कहा कि शरीफ को सत्ता से हटने के लिए मजबूर किए बिना राजधानी से जाने का कोई सवाल नहीं उठता। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार पीटीआई प्रमुख ने कहा, ‘‘अगर 30 दिन के बाद यह साबित हो गया कि सभी चीजें ठीक हैं तो आप प्रधानमंत्री के रूप में वापस आ सकते हैं। लेकिन अगर आप इस पेशकश को कबूल करने के ख्वाहिशमंद नहीं हैं। ऐसा इसलिए कि आपको खौफ है कि आप की गलतियां पकड़ी जाएंगी।’’ खान ने क्रिकेट के मुहावरों का इस्तेमाल करते हुए वादा किया कि वह ‘‘आखिरी गेंद’’ तक डटेंगे। उनकी यह टिप्पणी शनिवार को प्रधानमंत्री निवास पर पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और शरीफ की मुलाकात के बाद आई। दोनों ने ‘‘जम्हूरियत की हिफाजत’ का प्रण किया। पत्रकारों से बातें करते हुए वित्त मंत्री इसहाक डार ने कहा कि जरदारी ने संविधान और कानून के दायरे में संकट के हल के लिए पूरी हिमायत का वादा किया।