
मयूरासन करने के लिए सर्वप्रथम स्थिति में आएँगे। पैरों को सामने की और सीधा कर बैठेंगे।अब वज्रासन में आ जाइए। घुटनों में फासला करते हुए आगे की और झुकेंगे।
दोनों हथेलियों को ज़मीन पर घुटनो के बीच में रखिए। उंगलियाँ पीछे की और रहेंगी ।कोहनियों को मोड़ते हुए नाभि के पास सटाइए। सिर को ज़मीन से लगा लीजिए। अब पैरों को पीछे की ओर ले जाइए और शरीर को उपर उठाकर ज़मीन के सामने समानांतर संतुलन बनाए रखिए। कुछ देर 5-10 सेकेंड रुकने के बाद स्थिति में आ जाए ,साँस सामान्य बनाए रखे।
हृदय रोग, अल्सर और हार्निया रोग में न करें। पाचन तंत्र को मजबूत करता है। क़ब्ज़ में लाभदायक। पैन्क्रियास को सक्रिय रखता है ।फेफड़े अधिक सक्रिय बने रहते हैं। पेट की चर्बी को घटाता है। हाथों, कलाइयों व कन्धों को मजबूत करता है। गुर्दों व मूत्राशय के रोगों में भी लाभकारी।