उत्तर प्रदेशराज्य

पान वाले के बैंक अकाउंट में पांच करोड़, पूरे देश में हो रही इस दुकानदार की चर्चा

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण लगातार जाने वाला लगभग हर शख्स घनश्याम को जानता है क्योंकि प्राधिकरण के नजदीक ही उनकी पान की दुकान है। 
फिलहाल पूरे जिले में घनश्याम के नाम की चर्चा है। असल में पिछले दो महीने में उनकी कमाई पांच करोड़ रुपये हो गई है। ये देख कर देश का आयकर विभाग भी चौंक गया। 
असल में घनश्याम के बैंक खाते में नौ नवंबर से 31 दिसंबर के बीच पांच करोड़ की राशि का आदान-प्रदान हुआ है। बता दें पिछले साल आठ नबंबर की रात से देश में नोटबंदी लागू की गई ‌थी जिसके तहत पांच सौ और हजार रुपये के नोट का चलन बंद कर दिया गया था।
 

बैंक खाते के इस्तेमाल के बदले लेता है 8000 रुपये

अगर आप ये सोच रहे हैं कि घनश्याम की आय का एकमात्र स्रोत पान की दुकान है तो आप गलत हैं क्योंकि उसकी इस कमाई में और भी लोगों का योगदान है जो उसके लिए परेशानी का सबब बन चुके हैं।

असल में नोटबंदी के बाद जब देशभर में मोटी रकम की लेन-देन करने वाले बैंक खातों की जांच की गई तो घनश्याम का खाता आयकर विभाग की नजर में आया।

पूछताछ में घनश्याम ने बताया कि असल में उसका बैंक खाता प्रॉपर्टी ‌डीलर राहुल चौधरी इस्तेमाल करते हैं जिसके बदले हर महीने उसे 8000 रुपये दिए जाते हैं।

जांच में सामने आए ऐसे ही कई और खाते

जांच में सामने आया कि घनश्याम का खाता चलाने वाले प्रॉपर्टी डीलर राहुल चौधरी के साथ ही साथ दिल्ली और मेरठ के कई ज्वैलर भी अपने काले धन को ठिकाने लगाने के लिए इसी बैंक खाते का इस्तेमाल कर रहे थे।

गाजियाबाद के नेहरु नगर इलाके में जम्मू-कश्मीर बैंक के उसके खाते की जब जांच की गई तो उस बैंक में ऐसे ही दो और संदिग्‍ध खाते सामने आए। आयकर विभाग ने जब इन दोनों खातों की जांच की तो पता चला कि इसमें भी 12 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।

इस बारे में आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जांच में ये बात सामने आई है कि घनश्याम के अलावा बाकी दोनों खाते फर्जी कागजातों के आधार पर खोले गए हैं।

अभी तक दर्ज नहीं हुआ मामला 

असल में इन खातों में नोटबंदी के घोषणा के बाद पिछले दो महीने में हजार और पांच सौ रुपयों के 12 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई है। जांच में ही इस बात का पता चला कि इन दोनों खातों को भी राहुल चौधरी ही संभालता था। 

हालांकि अभी तक न तो घनश्याम न ही रहुल चौधरी को गिरफ्तार किया जा सका है क्योंकि आयकर विभाग ने अभी तक इन दोनों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं कराया है।

असल में आयकर विभाग अभी इस बात की खोजबीन में लगा हुआ है कि क्या इन खातों में पैसे जमा कराने के बदले घनश्याम और राहुल कमीशन लेते थे या नहीं।

दिल्ली के एक शख्स की भी हुई पहचान 

बता दें कि राहुल चौधरी गाजियाबा के ही न्यू पंचवटी कॉलोनी में रहता है। आयकर विभाग के मुताबिक राहुल ने इन खातों में पैसे जमा करने के बाद आरटीजीएस के माध्यम से बड़ी रकम को दिल्ली और मेरठ भेजा है।

केवल दिसंबर में ही इनमें से एक बैंक खाते से 50 लाख रुपये की रकम दिल्ली के मॉडल टाउन में रहने वाले शीतल चौहान के खते में ट्रांसफर किया गया है।

चौधरी ने ये स्वीकार किया है कि उसने राहुल को पुराने नोटों में 50 लाख रुपये दिए थे जिसके बदले राहुल ने ये वादा किया था कि इस रकम को वो आरटीजीएस के माध्यम से एक महीने के अंदर उसके बैंक खाते में ट्रांसफर कर देगा।

किन-किन लोगों के खातों की हो रही जांच

आयकर विभाग इस बात की भी जांच कर रहा है कि इस दौरान जिन खातों में पैसे जमा किए गए हैं उनसे चौधरी का क्या संबंध है और इसके बदले उसे क्या हासिल हुआ।

विभाग का कहना है कि संदिग्‍ध पाए गए इन तीन में से दो बैंक खाते मेरठ के एक सोनार के हैं जबकि तीसरा खाता दिल्ली के एजीसीआर एंक्लेव में रहने वाले प्रेम मिगलानी का है।   

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