पिछले 1300 सालों से जमीन पर नहीं रखा पैर
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इनकी शादियां भी नावों पर ही होती हैं
नई दिल्ली : टांका जनजाति जमीन पर नहीं बल्कि समुद्र में रहना ज्यादा पसंद करते हैं। इस जनजाति में 7 हजार लोग हैं जिन्होंने समुद्र में तैरता हुआ गांव ही बसा रखा है। चीन के दक्षिण पूर्व क्षेत्र में करीब 7000 मछुआरों के परिवार अपने परंपरागत नावों के मकान में रह रहे हैं। ये घर समुद्र पर तैर रहे हैं। इन विचित्र घरों की एक पूरी बस्ती है। समुद्री मछुआरों की यह बस्ती फुजियान राज्य के दक्षिण पूर्व की निंगडे सिटी के पास समुद्र में तैर रही है। इन्हें ‘जिप्सीज ऑफ द सी’ कहा जाता है। दरअसल, चीन में 700 ईस्वी में तांग राजवंश का शासन था। उस समय टांका जनजाति समूह के लोग युद्ध से बचने के लिए समुद्र में अपनी नावों में रहने लगे थे। तभी से इन्हें ‘जिप्सीज ऑफ द सी’ कहा जाने लगा। ये लोग शायद ही कभी जमीन पर पैर रखते हैं। कहते हैं कि चीन में सदियों पहले टांका जनजाति के लोग वहां के शासकों के उत्पीड़न से इतने नाराज हुए कि उन्होंने समुद्र पर ही रहना तय कर लिया। करीब 700 ईस्वी से लेकर अब तक ये लोग समुद्र में बनाए घरों में ही रह रहे हैं। टांका जनजाति के लोगों का पूरा जीवन पानी के घरों और मछलियों के शिकार में ही बीत जाता है। चीन में कम्युनिस्ट शासन की स्थापना होने तक ये लोग न तो किनारे पर आते थे और न ही समुद्र किनारे बसे लोगों के साथ शादी के रिश्ते बनाते थे।