अद्धयात्म

पितरों को मोक्ष दिलाएं…पिंडदान के लिए गया आएं

दस्तक टाइम्स/एजेंसी

gayaगया । हिन्दु धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए पिंडदान अहम कर्मकांड है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष को ‘पितृपक्ष’ या ‘महालय पक्ष’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने पुरखों का पिंडदान करते हैं। मान्यता है कि पिंडदान करने से मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। ऐसे तो पिंडदान के लिए कई धार्मिक स्थान हैं परंतु सबसे उपयुक्त स्थल बिहार के गया को माना जाता है। पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना के साथ पुरखों को पिंडदान करने के लिए बिहार के गया आने वाले देश-दुनिया के पिंडदानियों के लिए आने वाले लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है जबकि धर्मशाला, होटल, निजी आवास पिंडदानियों से भर गए हैं। गया के जिला अधिकारी अनुसार मेले में किसी भी प्रकार की परेशानी के लिए एक कॉल सेंटर बनाया गया है जिसमें हेल्पलाइन के नंबर पर परेशानी बताई जा सकती है। पूरे शहर को पांच सुपर जोन, 41 जोन और 183 सेक्टर में बांटा गया है।इसके अलावा एक मोबाइल एप भी बनाया गया है जिसमें गया की सारी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इस वर्ष पितृपक्ष के मौके पर महाविद्यालयों और विद्यालयों तथा पंडा आवासों को भी श्रद्धालुओं के रहने के लिए अनुमति दी गई है। इसके साथ ही जिला प्रशासन तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बस सेवा और स्वास्थ्य सेवा के बेहतर इंतजाम का दावा कर रही है।उल्लेखनीय है कि इस मेले को राजकीय मेले का दर्जा मिला हुआ है। कर्मकांड करते हैं। कर्मकांड करने आने वाले श्रद्घालु यहां रहने के लिए तीन-चार महीने पूर्व से ही इसकी व्यवस्था कर चुके होते हैं।

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