पिता को खोने के बाद कोरोना में गई मां की नौकरी, भूख से तड़पते परिवार को अस्पताल में कराया गया भर्ती, 10 दिनों पेट में नहीं गया अन्न
अलीगढ़: कोरोना महामारी में कई लोगों ने अपनी जान गवाई है । साथ ही लॉकडाउन के कारण कई लोगों ने अपनी नौकरियां भी गवा दी । ऐसे लोगों के लिए अपने परिवार का भरण पोषण करना बेहद मुश्किल हो गया है । ऐसे ही एक घटना उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की है, जहां भूख से तड़पते एक परिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया ।
दरअसल अलीगढ़ के मलखान सिंह जिला अस्पताल में कुछ लोगों द्वारा परिवार को भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने कहा कि 6 लोगों के परिवार की स्थिति ऐसी है कि वह बोलने की हालत में भी रही है । इसमें एक महिला और पांच बच्चे हैं । उन्हें मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार गुड्डी ने बताया कि कि पति को खोने के बाद वह अपने घर में कमाने वाली एकमात्र वही थी। वह एक फैक्ट्री में कर्मचारी के रूप में काम करती कर रही थी लेकिन कुछ महीने पहले कारखाना बंद हो गया।
गुड्डी ने कहा कि अपनी नौकरी खोने के बाद उनके सबसे बड़े बेटे अजय ने दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना शुरू कर दिया लेकिन अप्रैल में महामारी की दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन में उसकी नौकरी भी चली गई और आय के सारे स्रोत पूरी तरह से बंद हो गए। लॉकडाउन के कारण सासनी गेट थाना क्षेत्र के मंदिर नगला स्थित अपने घर से कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं निकल सकता था । ऐसे में 8 सप्ताह तक पड़ोसियों ने उन्हें खाने के लिए रोटी दी लेकिन 10 दिन पहले ये सिलसिला भी बंद हो गया। इसके बाद से पूरा परिवार बिना एक वक्त का भोजन खाए जी रहा था ।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि खबर सामने आने के बाद जिला अधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने मामले की जांच राहत देने के लिए अधिकारियों की टीम भेजी है । में विज्ञप्ति कहा गया है कि डीएम ने मामले की जांच के लिए सब डिविजनल मजिस्ट्रेट कुंवर बहादुर सिंह के नेतृत्व में तीन अधिकारियों की टीम भेजी । प्रभावित परिवार को खाद्यान्न और अन्य पदार्थों और 5 हजार की राशि सहित तत्काल राहत प्रदान करने को कहा है ।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है जल्दी आगे की कार्रवाई की जाएगी । इस सामाजिक संस्था “हैंड्स फॉर हेल्प” चलाने वाले सुनील कुमार गरीब परिवार को राशन देने के लिए आगे आए । महामारी से प्रभावित लोगों की मदद कर रहे मानव विकास संस्था के विष्णु कुमार बंटी ने कहा कि उन लोगों का पता लगाने के लिए डोर टू डोर सर्वेक्षण किया जाना चाहिए, जिनकी आजीविका लॉकडाउन से प्रभावित हुई है ।