ज्ञान भंडार
पिता को चिता पर देख रो पड़ी मासूम, सिसकते हुए किया शहीद को सैल्यूट
सातारा (महाराष्ट्र)|कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए कर्नल संतोष महाडिक का शव जब पोगरवाड़ी गांव पहुंचा तो लोगों ने सड़कों पर रंगोली बनाकर उनका स्वागत किया। वहां हर जगह कर्नल के पोस्टर लगे थे। शहादत के सम्मान में गांव की महिलाओं ने माथे से बिंदी हटा ली। एक रात पहले किसी घर में चूल्हा भी नहीं जला। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर कर्नल की पत्नी स्वाति को सांत्वना दे रहे थे तो स्वाति ने जवाब में कहा- ‘मैं दोनों बच्चों को भी सेना में भेजूंगी।’ कर्नल की बेटी कार्तिकी 9 साल की है और बेटा स्वराज 6 साल का। कर्नल महज 38 साल के थे। उनके पिता दर्जी हैं और भाई दूध का कारोबार करते हैं। इस शहादत से दो मांओं ने अपना बेटा खोया था। एक संतोष को जन्म देनेवाली मां कालिंदा महाडिक और दूसरी वो मां जिन्होंने संतोष को गोद लिया था। पोगरवाड़ी गांव से 55 लोग सेना में हैं।