पितृत्व मामले में एन.डी. तिवारी की मध्यस्थता याचिका खारिज
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी (एन.डी. तिवारी) की पितृत्व मामले में मध्यस्था की गुजारिश करने वाली याचिका खारिज कर दी। एक व्यक्ति ने अदालत में वाद दायर कर तिवारी को जैविक पिता होने का दावा किया है। तिवारी (9०) को जैविक पिता बताने वाले रोहित शेखर (32) की दलील के बाद न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने तिवारी की याचिका खारिज कर दी। इस मामले में शेखर की मां उज्ज्वला शर्मा ने बीच-बचाव से इनकार करते हुए कहा कि वे लोग मुकदमा लड़ते रहें। उल्लेखित दलीलों को ध्यान में लेते हुए अदालत ने मामले में अंतिम सुनवाई के लिए 21 अप्रैल की तारीख तय की है। वर्ष 2००8 से ही इस मामले का सामना कर रहे तिवारी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि न्याय के हित में वे मध्यस्थ के जरिए ‘मान्य समाधान’ की संभावना तलाशना चाहते हैं। गवाही दर्ज करने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त स्थानीय आयुक्त ने 2० फरवरी को तिवारी की सबूत परखने के अधिकार को बंद बंद कर दिया क्योंकि अंतिम मौका दिए जाने के बावजूद तिवारी जिरह के लिए हाजिर होने में विफल रहे। तिवारी ने शेखर के दावे को बेबुनियाद बताया है। उच्च न्यायालय में 27 जुलाई 2०12 की एक डीएनए रिपोर्ट पढ़ी गई जिसके मुताबिक तिवारी के शेखर के जैविक पिता होने का दावा सही प्रतीत होता है।