हल्द्वानी: बेटियों की घटती संख्या को देखते हुए शुरू की गई ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ मुहिम को सभी का साथ मिल रहा है। पिथौरागढ़ निवासी लेखक जनार्दन उप्रेती और लोक गायक पप्पू कार्की ने इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए ‘चेली बचाया, चेली पढ़ाया’ का संदेश देता लोकगीत रचा है। उत्तराखंड शासन ने इस कुमाऊंनी गीत को राष्ट्र व्यापी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान में शामिल किया है। लेखक और कवि जनार्दन उप्रेती ‘जन्नू दा’ ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान से प्रेरित होकर ‘चेली बचाया, चेली पढ़ाया’ नाम से इस गीत को लिखा है। पांच मिनट सात सेकेंड के इस गीत को युवाओं के पसंदीदा लोक गायक पप्पू कार्की ने आवाज दी है। गीत को जल्द जारी करने की योजना है।
हृदय हो छूते हैं गीत के बोल
‘देवों क वरदान चेली, जीवन आधार छ। घर-बार चलौन्या वाली, दियापतौं को उपहार छ। खुशबू कै बिखरौन्या वाली, यो फूलों की हार छ। अपनों क अहसास चेली, खुशियों क संसार छ। गर्भ में नि मार वीकैं, जन्म वीकैं लिण दियो। बाग-बगीचा फूलों न्ह्याती वीकैं लै खिलण दियो। अर्थात देवों का वरदान बेटियां जीवन का आधार हैं। घर-परिवार को चलाने वाली बेटी देवताओं का उपहार है। वो खुशबू बिखेरने वाली फूलों की हार है। अपनों का अहसास, खुशियों का संसार है। उसे गर्भ में मारने के बजाय जन्म लेने और बाग-बगीचे के फूलों की तरफ लिखने दो।
गायक प्रह्लाद मेहरा भी रच चुके हैं गीत
प्रसिद्ध लोक गायक प्रह्लाद मेहरा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर पहले गीत ला चुके हैं। चांदनी इंटरप्राइजेज के बैनर तले पिछले साल मई में आए ‘गर्भ भितेर बेटी न मार’ गीत को लोगों ने काफी सराहा। यूट्यूब पर इसे 27 हजार हिट मिले हैं।
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना है कि उन्होंने इस लोकगीत को सुना है, जो काफी अच्छा बना है। शासन ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत गीत को कुमाऊं भर में चलने वाले अभियान में शामिल करने का फैसला लिया है। स्कूल व ब्लॉक स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में गीत सुनाया जाएगा। भविष्य में कोशिश होगी कि इसे वीडियो रूप में लाया जाए। मुझे उम्मीद है गीत के माध्यम से समाज में अच्छा संदेश जाएगा।