पिस्ता, प्रोटीन का एक बढ़िया स्रोत है, इन बीमारियों में पहुंचाता है फायदा
पिस्ता को अंग्रेजी में पिस्ताचियो कहते हैं। यह हेल्दी फैट, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ ही प्रोटीन का भी बढ़िया स्रोत है। पिस्ता में कई तरह के जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो वजन कम करने, हृदय को स्वस्थ रखने और पेट की परेशानियों को दूर करने में सहायक होते हैं। कोलेस्ट्रॉल घटाने में पिस्ता काफी फायदेमंद होता है। स्वस्थ बालों के लिए बायोटिन जरूरी है। पिस्ता में यह तत्व पाया जाता है, यह बालों को गिरने से रोकता है। पिस्ता में विटामिन बी-6 की अधिकता होती है। बी-6 ऑक्सीजन को ब्लड में बदलता है और इससे शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
सौंदर्य और सेहत दोनों निखारें चिरौंजी
मीठी चीजों में इस्तेमाल होने वाली चिरौंजी एक महंगा ड्राईफ्रूट जरूर है, पर इसके फायदे भी अनेक हैं। इसके सेवन से शरीर में प्रोटीन की कमी दूर होती है। इसे कच्ची भी खा सकते हैं और स्वीट डिश में मिलाकर भी। सर्दी-जुकाम में इसका इस्तेमाल फायदेमंद होता है। दूध के साथ पकाकर पीना चाहिए। चिरौंजी एक सौंदर्य उत्पाद भी है। इसके इस्तेमाल से चेहरे पर चमक आती है। कील-मुहांसे साफ होते हैं। अगर चेहरे पर दाग है तो इसे पीस कर लगाने से दाग दूर होते हैं।
एनीमिया की शिकायत में फायदेमंद है चुकंदर
चुकंदर में मौजूद आयरन, सोडियम, पोटैशियम, फास्फोरस आपके शरीर को ताकत तो देता ही है, साथ ही कई बीमारियां भी दूर करता है। एनीमिया की शिकायत होने पर चुकंदर खाना चाहिए। यह शरीर की ऊर्जा बढ़ाता है और थकाना दूर करता है। कब्ज से राहत दिलाता है और वजन भी कम करता है। कुछ लोग सलाद के रूप में इसे खाते हैं तो कुछ जूस पीते हैं। महिलाओं में खून की कमी ज्यादा होती है, इसलिए उन्हें इसे जरूर खाना चाहिए। जो लोग काफी वर्क आउट करते हैं, सारा दिन काम करके थक जाते हैं, उनके लिए यह फायदेमंद होता है।
गुणों की खान दही
दूध के मुकाबले दही सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। दूध के मुकाबले इसमें कैल्शियम अधिक होता है। इसके अलावा दही में प्रोटीन, लैक्टोज, आयरन, फास्फोरस पाया जाता है। दही में पाया जाने वाला कैल्शियम हड्डियों के लिए विशेष फायदेमंद होता है। यह आस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से लड़ने में मदद करता है। दही पेट के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसमें अजवाइन मिलाकर पीने से कब्ज की शिकायत दूर होती है। यह पाचन क्षमता बढ़ाता है और इससे भूख भी अच्छी लगती है। मुंह के छालों के लिए यह बहुत ही अच्छा नुस्खा है। छाले होने पर दही से कुल्ला करें तो फायदा मिलेगा।
उड़द दाल एक दवा भी है
उड़द दाल को आयुर्वेदिक दवाओं के लिए बहुत इस्तेमाल किया जाता है। इसमें फाइबर, मैग्नीशियम और पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है। यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है। 40 वर्ष के बाद हड्डियों को मजबूत रखने के लिए उड़द की दाल का सेवन करना चाहिए। उड़द दाल में विटामिन और खनिज की अच्छी मात्रा पायी जाती है। यह त्वचा की जलन और अन्य समस्याओं को दूर करने में भी उपयोगी होती है। उड़द दाल का उपयोग मुहांसों, सनबर्न और टैनिंग की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी मददगार होती है।