पीएम मोदी-“अब चीन की आंख में आंख डालकर करते हैं बात”
एजेंसी/ नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में एनएसजी से लेकर भारतीय कूटनीति, अपनी सक्रिय विदेश नीति, भारत की पाकिस्तान नीति, आरबीआई गवर्नर राजन जैसे मामलों पर अपनी बात रखी। नरेंद्र मोदी ने पीएम बनने के बाद पहली बार किसी एक टीवी चैनल (टाइम्स नाउ) को इंटरव्यू दिया है।
चीन को लेकर मोदी का स्पष्ट नजरिया
चीन के विरोध के चलते पिछले हफ्ते भारत को एनएसजी सदस्यता नहीं मिली। एनएसजी सदस्यता को लेकर हम क्या कर रहे हैं, इस सवाल पर पीएम ने कहा कि हम चीन से आंख से आंख मिलाकर बात कर रहे हैं। हम डंके की चोट पर भारत के हितों की बात करते हैं। एनएसजी सदस्यता पर उन्होंने कहा कि भारत की हर सरकार ने इस दिशा में कोशिश की है। चाहे यूएन की सुरक्षा परिषद की सदस्यता का मामला हो, चाहे एससीओ, एमटीसीआर या एलएसजी की सदस्यता का मामला हो, हर सरकार ने काम किया है। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल में शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) और मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम (एसटीसीआर) की सदस्यता मिली। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि एनएसजी के लिए हमारे सक्रिय प्रयास रंग लाएंगे। हर चीज की एक प्रक्रिया होती है। हम उसी के तहत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
मसूद अजहर और एनएसजी पर चीन के विरोध पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के मध्य कई मामलों पर सहयोग है, तो कई पर सैद्धांतिक अंतर। उन्होंने कहा, ‘हमें चीन से कोई परेशानी नहीं। हम डंके की चोट पर भारत के हित की बात करते हैं। तीन दिन पहले मैं चीन के राष्ट्रपति से मिला था। मैंने उन्हें साफ तौर पर भारत के हित के बारे में बताया।’ क्या आप चीन का माइंडसेट बदल पाएंगे, इस सवाल पर पीएम ने कहा कि माइंडसेट बदलना विदेश नीति नहीं है। विदेश नीति का मतलब आम सहमति के बिंदु तलाशना होता है। जहां भी हमारे देश के हितों की बात होगी, हम हर देश का साथ बैठकर बात करेंगे।
विदेश नीति में सभी का सहयोग
अपने इंटरव्यू में पीएम ने एनडीए सरकार की प्रो-ऐक्टिव विदेश नीति का श्रेय टीम एफर्ट को दिया है। पीएम ने कहा कि 30 साल तक हमारे देश में अस्थिर सरकारें थीं। बहुमत वाली सरकार बनाने का मौका 30 साल तक नहीं मिला था। दुनिया में किसी भी देश की सरकार को उस देश में उसकी ताकत से मापा जाता है। उन्होंने कहा कि जनता का आभारी हूं कि उन्होंने 30 साल बाद पूर्ण बहुमत की सरकार दी। इसका असर विश्व के देशों और नेताओं पर पड़ा।
पीएम ने कहा कि विश्व मुझे जानता नहीं था। मीडिया की नजर से मोदी को कोई जानने की कोशिश करेगा तो वह भ्रमित हो जाएगा। दुनिया को भारत के प्रति विश्वास जताने में मोदी का व्यक्तित्व रुकावट नहीं बनना चाहिए था। इसके लिए मुझे दुनिया के नेताओं से मिलने की जरूरत थी। मैं नया था। मेरे लिए प्रो-ऐक्टिव होना अनिवार्य था। हम एक टीम के रूप में काम करते हैं। विदेश मंत्रालय, पीएमओ, कॉमर्स मिनिस्ट्री, वित्त मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, सब एक टीम के साथ काम करते हैं। यह असर इसी टीम एफर्ट का है।’
छोटे-छोटे देशों पर भी किया फोकस: पीएम
पीएम ने कहा कि विदेश नीति के संबंध में हमें यह समझने की जरूरत है कि पहले विश्व दो ध्रुवीय था, लेकिन 21वीं शताब्दी में पूरा विश्व एक दूसरे पर ज्यादा निर्भर है। पहले विदेश नीति केवल सरकारों के बीच होती थी। अब पीपल टु पीपल कॉन्टैक्ट भी बनाने की जरूरत होती है। आज हम विश्व के सभी देशों के साथ जुड़ रहे हैं। इसीलिए आज हम उतने ही सम्मान से सऊदी से बात करते हैं उतने ही सम्मान से ईरान से भी। पीएम ने कहा कि हमने छोटे देशों पर भी फोकस किया। पैसिफिक देशों का फोरम बनाया। पहले केवल बड़े देशों की छाया देखी जाती थी, सोचा जाता था कि छोटे देश तो खुद साथ आ जाएंगे, लेकिन मैंने इसमें बदलाव किया।
जवान जवाब देने के लिए आजाद
पीएम ने कहा कि जवानों की मेहनत की वजह से आतंकियों के मंसूबे पूरे नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में उनपर दबाव है। इसी तरह की मनोदशा में आतंकी हमले किए जा रहे हैं। पीएम ने कहा कि हमारे जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं। हमें अपने जवानों पर गर्व है।
राजन की देशभक्ति किसी से कम नहीं: मोदी
भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी द्वारा आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन की लगातार आलोचना किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों-इशारों में स्वामी को सख्त संकेत दिए हैं। मोदी ने कहा है कि राजन की देशभक्ति किसी से कम नहीं है और कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसा करते हैं जिससे देश का भला नहीं होगा।
भड़काऊ बयान देने वालों को हीरो न बनाएं: मोदी मोदी ने मीडिया से अपील की है कि भड़काऊ बयान देने वाले लोगों को ज्यादा तूल देकर उन्हें हीरो न बनाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर लगाम कसने का एक ही तरीका है कि उन्हें ज्यादा तवज्जो ही न दी जाए।
हर चीज को पाकिस्तान की नजर से न देखें
पीएम ने कहा कि सबसे पहले तो मैं देश की मीडिया से अपील करना चाहूंगा कि हर चीज को पाकिस्तान के नजरिए से देखना बंद करना चाहिए। भारत 125 करोड़ लोगों का एक स्वतंत्र मुल्क है। हम जब कभी किसी देश से संपर्क करते हैं, तब केवल अपने हितों के बारे में सोच रहे होते हैं।
क्या पीएम मोदी के दिमाग में 2019 है?
पीएम मोदी ने चुनाव सुधार, काला धन, खेती जैसे तमाम मुद्दों पर बात की। क्या राज्यों में लगातार हो रहे विधानसभा चुनावों की वजह से देश का लगातार कैम्पेन मोड में रहना शासन और प्रशासन के लिए सही है। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों राज्यसभा सांसदों के विदाई समारोह के अवसर पर खाने के दौरान मैंने इस बारे में सभी दलों के नेताओं से बात की थी, और वहां सभी इस बात पर एकमत थे कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं। क्या मोदी के मन में 2019 है, इस सवाल पर पीएम ने कहा कि चुनावी दिनों को छोड़ कभी राजनीति नहीं करता।
विकास का मतलब है गरीबों का विकास
गरीबी, विकास और महंगाई पर मोदी ने कहा कि मेरे लिए विकास का मतलब है कि इसका लाभ गरीब को कैसे मिलता है। गरीब इतना ताकतवर बने कि गरीबी को परास्त करने की उसमें हिम्मत आ जाए। सरकार की सारी योजनाओं से गरीब को लगता है कि वह देश की आर्थिक व्यवस्था का हिस्सा है। जितने ज्यादा लोगों को रोजगार देंगे, उतना ही आपको फायदा होगा। महंगाई जिस गति से बढ़ रही थी, उसे रोकने में सरकार कुछ हद तक सफल हुई है।
संसद न चलने के लिए केवल एक दल जिम्मेदार
संसद में कांग्रेस के रवैये पर पीएम ने कहा कि संसद चर्चा और तर्क के साथ विरोध करने के लिए है और इस भावना को बचाने की जिम्मेदारी हर लोकतंत्र प्रेमी की है। सब लोग विपक्ष के साथ में हैं, विपक्ष पर इस तरह के आरोप लगाना गलत है। विपक्ष में कई दल हैं, जो कई महत्वपूर्ण फैसलों में सरकार का साथ दे रहे हैं। लेकिन हां, संसद में एक दल (कांग्रेस) है, जिसकी समस्याएं हैं। पूरी दुनिया जानती है सांसद ना चलने के लिए कौन सी पार्टी जिम्मेदार है। कोई नया दल विपक्ष में ऐसा करे, तब तो समझ में आता है, लेकिन जो दल इतने साल तक सत्ता में रहा है, वह अगर संसद में ऐसा व्यवहार करे तो अच्छा नहीं लगता। लगभग सभी राज्य जीएसटी के पक्ष में हैं, सिर्फ एक दल (कांग्रेस) इसके विरोध में है। सिर्फ बेवजह के विरोध की वजह से राज्यों तक 40 हजार करोड़ रुपए नहीं पहुंच पाए।
काले धन पर स्विट्जरलैंड से बात चल रही है
काले धन पर मोदी बोले की 2011 से 2014 के बीच में लोगों को अपनी ब्लैकमनी इधर-उधर करने का मौका दिया गया। पहली बार जी-20 समिट में हमने (एनडीए सरकार) काले धन का मुद्दा उठाया। स्विट्जरलैंड से हमारी बात हो रही है। सबको लगता था कि मॉरीशस रूट का कुछ नहीं हो सकता, जिसको ब्लॉक करने में सरकार ने सफलतापूर्वक समझौता किया।
पूरा फोकस गवर्नेंस पर रहता है
2019 (दूसरे कार्यकाल की संभावना) पर मोदी ने कहा कि चुनाव के अलावा मैं कभी राजनीतिक चीजों में नहीं उलझता। उसके अलावा मैं इतने क्षेत्रों में जाता हूं, आपने मेरे मुंह से कभी राजनीतिक टीका-टिप्पणी नहीं सुनी होगी। मेरा पूरा फोकस गवर्नेंस पर रहता है। अब तक देश में चुनावों के लिए सरकारें चलाई जाती रही हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। चुनाव तो बाई-प्रॉडक्ट होना चाहिए। लोकतंत्र में जीत-हार चलती रहती है। सारा फोकस देश के विकास पर होना चाहिए।