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पीएम मोदी की नई मंत्रिपरिषद से साधे जाएंगे कई समीकरण, उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर दलित-पिछड़ों को ज्यादा प्रतिनिधित्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में फेरबदल करने जा रहे हैं। इस दौरान कुछ मंत्रियों को प्रमोट किया जाएगा और बड़ी संख्या में नए मंत्री बनाए जाएंगे। हालांकि मंत्रिपरिषद विस्तार से पूर्व नए मंत्रियों के नाम जैसे-जैसे सामने आ रहे हैं। ये पता लगाना मुश्किल नहीं है कि प्रधानमंत्री ने अपनी नई मंत्रिपरिषद में मंत्रियों को बहुत ही सोच-विचार कर चुना है और बहुत से समीकरणों को ध्यान में रखा गया है।

मंत्रिपरिषद में फेरबदल ऐसे समय में हो रहा है जब देश के सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश चुनावों की छाप भी इस फेरबदल में साफ देखी जा सकती है।

उत्तर प्रदेश से सात नेताओं को मंत्रिपरिषद में स्थान मिल सकता है। भाजपा की कोशिश है कि मंत्रिपरिषद फेरबदल में ऐसे मंत्रियों को शामिल किया जाए, जिनके चलते सामाजिक और चुनावी समीकरणों को साधा जा सके। यही कारण है कि पार्टी दलितों और पिछड़ी जातियों को ज्यादा प्रतिनिधित्व देने जा रही है। बताया जा रहा है कि इनमें से छह भाजपा और एक अपना दल से होंगे। भाजपा के छह मंत्रियों में से तीन दलित, दो पिछड़े और एक ब्राह्मण समुदाय से हैं।

उत्तर प्रदेश से मंत्री बनने वालों में जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर का नाम भी शामिल है। उनके साथ जालौन से भानु प्रताप वर्मा और आगरा से एसपी सिंह बघेल भी शामिल हैं। यह सभी सुरक्षित सीटें हैं।

वहीं पिछले समुदाय से राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा, महाराजगंज से छह बार के सांसद पंकज चौधरी का नाम भी बताया जा रहा है। इसके साथ ही खीरी लोकसभा से सांसद अजय मिश्रा को ब्राह्मण चेहरे के रूप में शामिल किए जाने की बात सामने आ रही है। जबकि अपना दल की अनुप्रिया पटेल को एक बार फिर मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। वे पिछड़ी जाति से आती हैं।

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