मैसूर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्नाटक दौरे का रविवार को दूसरा दिन है। रविवार को मैसूर में प्रधानमंत्री 103वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन करेंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इस समारोह का आयोजन मैसूर 34 साल बाद ऐसे वक्त में करने जा रहा है, जब मैसूर यूनिवर्सिटी अपनी स्थापना का 100वां साल मना रही है। इस बार की थीम भारत में स्वदेशी विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी है। भारतीय विज्ञान कांग्रेस में मशहूर वैज्ञानिकों सहित 500 से ज़्यादा गणमान्य लोग शिरकत करेंगे।
‘मेक इन इंडिया’ पर जोर
देशभर के जानेमाने वैज्ञानिक और तकनीकविद रविवार को मैसूर में जुटेंगे और मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को किस प्रकार वैश्विक बाजार में लागू किया जाए, इस पर विचार मंथन करेंगे।
इस बारे में मैसूर विश्वविद्यालय के कुलपति के.एस. रंगरप्पा ने बताया, ‘103वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का थीम प्रधानमंत्री के प्रमुख कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है ताकि वैश्विक निवेश को बढ़ावा मिले, नई नौकरियों का सृजन हो तथा निर्यात में बढ़ोतरी हो।’
विज्ञान कांग्रेस का आयोजन मैसूर विश्वविद्यालय के वृहद मंसागंगोत्री परिसर में किया जाएगा, जहां देशभर के शीर्ष वैज्ञानिक जुटेंगे। इस पांच दिवसीय आयोजन में नोबेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिकों के अलावा हजारों छात्र भी भाग लेंगे।
भारतीय विज्ञान कांग्रेस की शुरुआत मैसूर से ही हुई
कर्नाटक में अब तक 10 बार विज्ञान कांग्रेस का आयोजन हो चुका है, जिसमें मैसूर में यह दूसरी बार हो रहा है। 8 बार इस कार्यक्रम का आयोजन बेंगलुरू में किया गया है। दिलचस्प बात ये है कि पहली विज्ञान कांग्रेस का आयोजन भी मैसूर में ही 1917 में किया गया था। उस वक्त मैसूर के महाराजा नलवाडी कृष्णराजा वडियार ने भारतीय विज्ञान संस्थान परिसर में इसका उद्घाटन किया था। उन्होंने इस संस्थान के लिए 1911 में 371 एकड़ जमीन दान में दी थी।
रविवार को उद्घाटन सत्र के बाद प्रमुख वैज्ञानिक व भारत रत्न सी.एन.आर. राव यहां भारत में विज्ञान विषय पर व्याख्यान देंगे। इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा, जिसे दुनिया भर में 400 से ज्यादा वैज्ञानिक देखेंगे। वहीं, इस कार्यक्रम में 100 से ज्यादा वैज्ञानिक उपस्थित होंगे।
विज्ञान कांग्रेस में ‘साइंस एंड टेक्नॉलजी : अतीत और भविष्य’ विषय पर पांच नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक परिचर्चा करेंगे। इनके नाम हैं जॉन बी गर्डन (ब्रिटेन), डास सेचमैन (इजरायल), डेविड जे ग्रास और आर्थर बी मैकडोनाल्ड (अमेरिका) तथा सर्ज हेरोसे (फ्रांस)। इनके अलावा इस कार्यक्रम में भारतीय मूल के प्रिसटन विश्वविद्यालय, अमेरिका के वैज्ञानिक मंजूल भार्गव भी भाग लेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में 30 जाने-माने वैज्ञानिकों को सम्मानित करेंगे।