प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर मंत्रिपरिषद की बैठक में गुरुवार देर रात तक मंत्रियों को सीख दी। साफ कहा कि वे कांग्रेस की कारगुजारियां जनता तक पहुंचाएं।
जनता जाने कि आमजन से जुड़े अहम बिलों में कांग्रेस किस हद तक अड़ंगा डाल रही है। करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों से सरकार के कामकाज के बारे में संदेश लोगों तक पहुंचाने और उनसे बेहतर संपर्क साधने की चुनौती स्वीकारने को कहा।
मंत्रियों से जनवरी के दूसरे सप्ताह से संसदीय क्षेत्रों में दौरे शुरू करने और उनके लिए निर्धारित क्षेत्रों में कम से कम 30 मिनट बिताने को कहा गया है। प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से उनके विभागों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा करने को कहा और कामकाज का प्रदर्शन बढ़ाने एवं सरकार की छवि सुधाने के लिए नए-नए विचारों को लाने की जरूरत पर जोर दिया।
बैठक में सहयोगी भी दिखे
बैठक में लोजपा के रामविलास पासवान और आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा जैसे गठबंधन सहयोगी दलों के नेताओं समेत राजग के सभी मंत्री उपस्थित थे। राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडू और मनोहर पर्रिकर जैसे वरिष्ठ भाजपाई मंत्रियों ने भी बैठक में शिरकत की। हालांकि अरुण जेटली बैठक में मौजूद नहीं थे जिन पर डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए हैं।