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पीपीएफ ब्याज दर को बैंक जमा दर से जोड़ सकती है सरकार

1-1443948429नईदिल्ली। सरकार पब्लिक प्रविडेंट फंड्स (पीपीएफ) और डाकघर में जमा रकम पर मिलने वाली ब्याज दर को बैंक जमा दर या रिजर्व बैंक के रेपो रेट से जोड़ सकती है।

इसके अलावा तीन या छह महीने की छोटी बचत स्कीमों के रिटन्र्स की दर फिर से निर्धारित हो सकती है। इससे पीपीएफ और डाकघर जमा पर मिलने वाले ब्याज की दर रेपो रेट के घटने या बढऩे से घटेगी या बढ़ेगी। सरकार ने यह फैसला आरबीआई के रेपो रेट घटाने के बाद लिया है।

वित्त मंत्रालय फिलहाल छोटी बचत स्कीमों के लिए वार्षिक दर तय करने हेतु सरकारी सिक्यॉरिटीज पर मिलने वाले रिटन्र्स का इस्तेमाल करती है। आर्थिक मामलो के सचिव शक्तिकांत दास ने बताया कि वास्तविक ब्याज दर संभवत: आज बहुत ही ज्यादा है इसलिए उसमें करेक्शन की जरूरत है।

महंगाई जब ज्यादा होती है तो बैंक के साथ-साथ छोटी बचत स्कीमों के लिए भी निश्चित ब्याज दर संरचना की जरूरत होती है। लेकिन, जब महंगाई दर कम होती है तो ब्याज दर में स्वाभाविक रूप से करेक्शन की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि ब्याज दर के संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

 

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