लखनऊ : वसंत पंचमी विद्या की देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ ही तुराज वसंत के आगमन का प्रतीक है। वसंतोत्सव वर्षों से ही लोगों में उत्साह भरने वाला होता है। चटख पीला रंग उत्साह और विवेक का प्रतीक माना जाता है और जब इसके साथ सफेद रंग जुड़ जाता है, तो शांति में शामिल हो जाता है। इस दिन लोगों के घरों में रंगोली सजाई जाती है तथा वाग्देवी की पूजा का भी विधान है, यही नहीं पीले चावल व अन्य पीले पकवान भी खाए जाते हैं। लखनऊ निवासी आचार्य प्रदीप तिवारी ने बताया कि 24 जनवरी को उदयातिथि में पंचमी का मान मिल रहा है, जिसकी वजह से पूरे दिन बसंत पंचमी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन लोग वसंती परिधान, पीले पुष्प और पीले रंग का भोजन ग्रहण कर वसंत पंचमी को परंपरागत तरीके से मनाएंगे। वसंत पंचमी व पीले रंग का महत्व अपने आप में अलग है, इसीलिए वसंत को सभी तुओं का राजा माना जाता है। आचार्य ने बताया कि इस दिन लोग अपने घरों को पीले पुष्प की झालरों से सजाते हैं। इसके अलावा इस दिन मुंडन, छेदन, बरीक्षा व विवाह आदि कोई भी शुभ कार्य बिना किसी से पूछे किए जाते हैं और यह अत्यंत शुभकारी मुहूर्त होता है। एजेंसी