उत्तर प्रदेशराजनीतिराष्ट्रीयलखनऊ

पी.के की रणनीति से मची सियासी हलचल, कुछ दांव अभी बाकि है…

मोहम्मद इरफ़ान शाहिद
Sheila-Dixit_Raj-Babbar_Ghulam-Nabi-Azad-580x382लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नैया पार करने का जिम्मा लेने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) चाहते हैं, प्रदेश में मुस्लिम, कुर्मी और ब्राह्मण समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ा जाए ताकि सभी वर्गों के वोटों से कांग्रेस प्रदेश में मज़बूत बन सके । पीके के जिम्मेदारी संभालने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी में थोड़ी हलचल दिखाई पडऩे लगी है। बीजेपी में ब्राह्मण अध्यक्ष को हटाए जाने के बाद ब्राह्मणों की नाराजगी को अपने पक्ष में भुनाने के लिए कांग्रेस उन्हें विकल्प देने जा रही है। यूपी में मुस्लिम वोटरों को भी लुभाने के लिए जहाँ एक ओर गुलाम नबी आज़ाद को प्रदेश प्रभारी बना दिया गया है वहीँ दूसरी ओर राज्यसभा सांसद राज बब्बर को प्रदेश अध्यक्ष बना कर और अब शीला दीक्षित को उ.प्र का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर एक नयी चाल चल दी है। कहा तो यह भी जा रहा है की रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) यूपी में अभी और भी धमाका करने वाले है।
खास बात यह है कि यूपीसीसी के 53वें अध्यक्ष राज बब्बर और शीला के साथ गुलाम नबी आजाद ने जैसे ही लखनऊ में एक रोड शो किया वैसे ही सभी पार्टियों में खलबली सी मच गयी है। सपा ने जहाँ इन नेताओं को दगे पटाखे बताया वहीँ दूसरी पार्टियों ने भी इन्हें बुझी फुलझड़ी बताकर उनकी पार्टी में मची हलचल को दर्शा दिया है। पार्टी नेतृत्व के इस निर्णय से खुश दिख रही प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी जोश से भरी नज़र आ रही है। गौरतलब है कि आजाद के प्रभारी बनाए जाने के बाद से ही सूबे में कांग्रेस की राजनीति में थोड़ी हलचल दिखाई पडऩे लगी थी।
प्रियंका गाँधी और हार्दिक पटेल को भी कुदाया जा सकता है यूपी के इस चुनावी संग्राम में !
priyanka-gandhihardik-patel-copyदिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने प्रियंका के अमेठी-रायबरेली से बाहर निकलने की उम्मीद जताई है, इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यही पीके की अगली चाल होगी। सूत्रों की माने तो इंदिरा गाँधी की जन्मशती समारोह में प्रियंका को लांच किया जायेगा। वहीँ गुजरात पाटीदार आरक्षण की मांग को लेकर हाईलाईट हुए हार्दिक पटेल को भी बीजेपी के खिलाफ यूपी विधान सभा चुनाव में उतारने की भी संभावना है। गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक को 6 महीने गुजरात से बाहर रहने का आदेश दिया है। इस बीच उनके यूपी आने की संभावना है। जहां अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वह पटेल-कुर्मी वोट को प्रभावित कर चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं।

Related Articles

Back to top button