टीम इंडिया की ‘नई दीवार’ कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट के दूसरे दिन अपने टेस्ट करियर का 17वां शतक जड़ा। इस शतक के साथ पुजारा ने कई दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने विदेश में खेलते हुए एक कैलेंडर ईयर में सातवीं बार 50 या इससे अधिक रन का स्कोर बनाया, जो कि भारतीय बल्लेबाजों में संयुक्त रूप से दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। यही नहीं अगर विश्व स्तर पर देखें तो पुजारा का प्रदर्शन संयुक्त रूप से तीसरा सर्वश्रेष्ठ है।
राहुल द्रविड़ के रिटायर होने के बाद तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए पुजारा ने तीसरे टेस्ट की पहली पारी में शतक जड़कर ना सिर्फ टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाया बल्कि कंगारू गेंदबाजों की सारी रणनीति पर पानी फेर दिया। पहले दिन अर्धशतक जड़ने वाले पुजारा दूसरे दिन भी क्रीज पर डटे रहे।
पुजारा ने 114वें ओवर की पहली गेंद पर नाथन लॉयन पर चौका मार टेस्ट में अपना 17वां शतक पूरा किया। ये ऑस्ट्रेलिया में पुजारा का दूसरा टेस्ट शतक है। पुजारा ने अपनी मैराथन पारी में 319 गेंदों का सामना किया और 10 चौकों की मदद से 106 रन बनाए।
इस दौरान पुजारा ने कप्तान कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 170 रन की साझेदारी की, जो टेस्ट क्रिकेट में चौथे नंबर पर है। इस रिकॉर्ड लिस्ट में भी मेलबर्न ग्राउंड पर 150 की साझेदारी के साथ भारत तीसरे नंबर पर है। शतक जमाने के लिए पुजारा को 280 गेंदों का सामना करना पड़ा।
इसी के साथ पुजारा टेस्ट में शतकों के मामलों में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को पीछे छोड़ दिया। सौरव के टेस्ट में 16 शतक हैं। पुजारा ने टेस्ट में शतकों के मामले में भारत के वीवीएस लक्ष्मण की बराबरी कर ली। लक्ष्मण के भी टेस्ट में 17 शतक हैं।
वहीं, पुजारा भारत के लिए सबसे धीमा टेस्ट शतक बनाने वाले तीसरे बल्लेबाज बने। उनसे पहले रवि शास्त्री ने 1992 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में 307 गेंदों में टेस्ट शतक जड़ा था, जबकि सुनील गावस्कर ने 1985 में एडिलेड में 286 गेंदों में अपने टेस्ट सेंचुरी लगाई थी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह पुजारा का चौथा शतक है तो वहीं, सीरीज में यह उनका दूसरा शतक है। यह पहली बार है जब एशिया के बाहर चेतेश्वर पुजारा ने एक सीरीज में दो शतक जड़े हैं। यह उनका 17वां टेस्ट शतक है। इस सीरीज में यह उनका दूसरा शतक है। पहला शतक एडिलेड में जड़ा था, जहां भारत ने 31 रनों से जीत हासिल की थी। विदेशी सरजमीं पर पुजारा की साल में तीसरी सेंचुरी है।