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पुराने नोटों की गिनती ‘काउंटिंग मशीन’ से नहीं, ऐसे कर रही है RBI

भारतीय रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि वह 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट गिनने के लिए काउंटिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं कर रहा है. आरबीआई ने बताया है कि वह इन नोटों की गिनती के लिए ‘सॉफ्स्ट‍िकेटेड करंसी वेरीफेकेशन एंड प्रोसेसिंग (सीवीपीएस) मशीन का यूज कर रहा है. यह मशीन सामान्य ‘काउंटिंग मशीन’ से ज्यादा सुरक्ष‍ित और तेज है.

काउंटिंग मशीन से भी बेहतर है सीवीपीएस

आरबीआई पिछले कुछ महीनों से नोटबंदी के बाद बैंकिंग सिस्टम में पहुंचे 500 और 1000 रुपए के नोट गिनने में जुटा हुआ है. इस संबंध में एक आरटीआई के जवाब में केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह नोट गिनने के लिए काउंटिंग मशीन का यूज नहीं कर रहा है. इसके बाद लगातार सवाल पूछे जाने लगे थे कि अगर काउंटिंग मशीन से नहीं, तो कैसे नोटों की गिनती हो रही है. इस पर स्थति साफ करते हुए आरबीआई ने बाद में बताया कि वह काउंटिंग मशीन से भी बेहतर मशीन का इस्तेमाल इस काम के लिए कर रहा है.

पुराने नोटों की गिनती ‘काउंटिंग मशीन’ से नहीं, ऐसे कर रही है RBI

ये है इस मशीन की खासियत

आरबीआई ने बताया कि सीवीपीएस मशीन काफी एडवांस हैं. बैंक के मुताबिक यह मशीन नोटों की वैल्यू और असली व नकली की पहचान करने में माहिर है. आरबीआई ने बयान जारी कर कहा कि ये मशीन काउंटिंग मशीन से काफी ज्यादा बेहतर हैं. फिलहाल इन मशीनों का इस्तेमाल दो शिफ्ट में किया जा रहा है. इनमें से कुछ मशीन कमर्शियल बैंक से ली गई है. इनमें कुछ जरूरी बदलाव करने के बाद इनका यूज किया जा रहा है. आरबीआई ने कहा कि वह पुराने नोटों की गिनती को जल्द पूरा करने के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है.

 इसलिए नहीं यूज हो रही हैं काउंटिंग मशीन

एक आरबीआई अध‍िकारी ने बताया कि काउंटिंग मशीन काफी छोटी होती हैं और इनका ज्यादातर इस्तेमाल कमर्श‍ियल बैंक अपनी शाखाओं में करते हैं. इनसे छोटी रकम गिनना तो आसान है, लेकिन बड़ी रकम गिनने के लिए मुफीद नहीं होते हैं. इसलिए सीवीपीएस का यूज किया जा रहा है.

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