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पुलिस फोर्स में डॉग्स को स्पेशल ट्रेनिंग, खाने के लिए ऐसे लगाते हैं लाइन
भिलाई. सीआईएसएफ के डॉग स्क्वॉड में शामिल डॉग साइन लैंग्वेज (इशारों की भाषा) सीख रहे हैं। स्क्वॉड में चार बेस्ट डॉग हैं, जो पुलिस फोर्स में सबसे फुर्तीले डॉग हैं। डॉग उन्नी केवल इंग्लिश समझता है, जबकि बाकी तीन डॉग मैक्स, जेम्स और स्टील को सिर्फ हिन्दी समझ में आती है। पुलिस फोर्स में इन डॉग्स को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है। इन डॉग्स को ऐसे लैंग्वेज सिखाई जा रही है जो हर मुश्किल सिचुएशन में अपने लक्ष्य तक पहुंच सकें। ये डॉग्स ऐसे मिशन पर काम करेंगे जहां सिर्फ इशारों ही इशारों में अपने टारगेट पूरे किए जाते हों।
भाषाई समस्या दूर करने के लिए ट्रेनिंग
सीआईएसएफ की डीआईजी शिखा गुप्ता ने भाषाई समस्या दूर करने के लिए डॉग स्क्वॉड के मास्टर श्रीकांत को इन्हें साइन लैंग्वेज सिखाने का जिम्मा सौंपा है। वे आर्मी के मेरठ सेंटर में डॉग ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके हैं। उनका कहना है कि ज्यादातर हमें ऐसे मिशन पर जाना पड़ता है जहां कभी छिपकर दुश्मन पर नजर रखना पड़ता है। वहां हम सभी इशारों में काम करते हैं। कई जगह हमें ऐसी जगहों पर जाना पड़ता है जहां फोर्स का काम करना मुश्किल होता है, लेकिन वो काम डॉग अच्छे से कर सकते हैं। इसलिए हम इन्हें ऐसे ही तैयार कर रहे हैं जहां हमारे बगैर बोले सिर्फ एक इशारों पर ये डॉग्स अपना काम कर सकें।
ऐसे करेंगे मदद
विस्फोटक, चोर पकड़ने में माहिर
लेब्राडोर नस्ल के दो डॉग मैक्स और उन्नी विस्फोटक और जर्मन शेफर्ड नस्ल के जेम्स और चोरी पकड़ने में माहिर हैं। यही वजह है कि करीब 10 वर्षों से बीएसपी के अंदर न तो कई विस्फोटक ले जा पाया है और न ही चोरी हुई।
नमस्ते भी करते हैं और सेल्यूट भी
बीते डेढ़ महीने से स्क्वॉड के सभी डॉग को रुटीन की ड्यूटी से लेकर उठने-बैठने, नमस्कार करने, सेल्यूट करने, पास आने या जाने के साथ अनुशासन का पाठ भी हाथों के इशारे से सिखाया जा रहा है।