फीचर्डराष्ट्रीयलखनऊ

पुस्तक मेले में बिकी 1 करोड 70 लाख की किताबें

book fair_1लखनऊ। लखनऊ में 19 सितंबर को शुरू हुए दस दिवसीय पुस्तक मेले में करीब 1 करोड़ 70 लाख रुपये की किताबें बिकीं। मेले में अंतिम दिन रविवार भीड़भाड़ में हजारों लोगों ने उपस्थिति दर्ज कराई और लगभग 50 लाख रुपये की किताबें खरीदी। मोतीमहल लॉन में 19 सितंबर को प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक द्वारा उद्घाटित बारहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला रविवार को अगले साल फिर ज्ञान बांटने के वादे के साथ संपन्न हो गया किताबों की बिक्री का आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में आधा ही रहा। अंतिम दिन मेले में सुबह भी खूब भीड़ रही। पुस्तक प्रेमियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों व महिला कवयित्री सम्मेलन का लुत्फ लिया। इस मौके पर मुख्य अतिथि रामप्रकाष सेठी ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ज्ञान कभी बूढ़ा नहीं होता। पुस्तक मेले का आज समापन नहीं क्योंकि यहीं से ली पुस्तकें कई-कई लोगों के लिए ज्ञान का संवाहक बनती हैं। ऐसे आयोजनों से ही नागरिकों की सुरुचि की पहचान होती है। दिवाली-दशहरे की तरह पुस्तक मेले को एक प्रमुख पर्व की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि अब इस पुस्तक मेले के लिए यह जगह कम पड़ने लगी है। के.टी. फाउण्डेषन लखनऊ द्वारा दिल्ली के द फेडरेशन ऑफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इंडिया के सहयोग से लगे मेले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि राम प्रकाश सेठी, विषिष्ट अतिथि एडीएम राजेश पाण्डेय व मुरलीधर आहूजा ने इस अवसर पर विद्या प्रकाशन, हिन्दी संस्थान, साक्षी प्रकाशन रामकृष्ण मठ, मैपेल प्रेस, राजपाल, गौतम बुक सेण्टर स्टालधारकों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। आयोजक देवराज अरोड़ा ने बताया कि, पुस्तक मेले में 10 दिनों में लगभग ढाई लाख पुस्तक प्रेमियों की आमद रही। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार बिक्री कम रही है। आयोजक देवराज अरोड़ा व उमेष ढल ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि, पुस्तक मेले में किताबों की कुल बिक्री लगभग एक करोड़ सत्तर लाख रुपये की हुई। प्रकाषकों के साथ ही हमें आयोजन में प्रषासन व मीडिया का भरपूर सहयोग मिला। राजधानी के बाद पुस्तक मेला अब 10 से 19 अक्टूबर तक कानपुर में फिर इलाहाबाद, वाराणसी व गोरखपुर में आयोजित होगा।

Related Articles

Back to top button