मुंबई। मुंबई हमले की पहली बरसी पर मुंबई सहित पूरे देश में गुरुवार को उन हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। लोकसभा में दिवंगतों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया तो कानपुर में भारत और श्रीलंका के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच से पहले खिलाड़ियों ने भी उनकी याद में मौन रखा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वाशिंगटन में कहा, “26/11 के शहीदों और इसके शिकार हुए सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं।” लोकसभा में 26/11 के पीड़ितों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया और एक प्रस्ताव के जरिए सरकार से कहा गया कि वह आतंकवाद के खात्मे के लिए सभी जरूरी कदम उठाए। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ जंग लड़ने और उसे हराने के लिए सदन एकजुट है ताकि फिर कभी निर्दोषों का खून नहीं बह सके। ” कुमार ने कहा, “आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह अभी तक 26/11 के पीड़ितों को मुआवजा नहीं दे सकी है। इसे लेकर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई। मुंबई में स्थानीय लोग गुरुवार को आतंकवाद के समक्ष नहीं झुकने का स्पष्ट संकेत देते हुए अपनी रोजमर्रा के गतिविधियों में जुटे रहे लेकिन इस दौरान उन्होंने आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी। हजारों लोगों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) पर हमलों में मारे लोगों को श्रद्धांजलि दी। यहां रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों ने भी श्रद्धांजलि दी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने होटल ट्राइडेंट-ओबरॉय पहुंचकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। लियोपोल्ड कैफे के बाहर भी कई लोग इकट्ठा हुए, जहां पिछले साल आज के ही दिन आतंकवादियों ने हमला किया था। एजेंसी