उत्तर प्रदेशलखनऊ

पूरे लखनऊ में मेट्रो को दौड़ने में लगेंगे अभी 15 साल

acr468-56634d7db4faametro Railअगले 15 साल में पूरा शहर मेट्रो ट्रेन की जद में होगा। एलएमआरसी ने 150 किमी मेट्रो चलाने का खाका खींचा है। इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने 56 किमी की टेक्नो फिजिबिलिटी स्टडी भी पूरी कर ली है।

शहीद पथ, गोमतीनगर विस्तार, पीजीआई, कपूरथला, खुर्रमनगर, सीतापुर रोड पर मेट्रो के नए रूट होंगे। यानी पूरा शहर कवर हो जाएगा। इसपर करीब 40 हजार करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।

डीएमआरसी के अफसर इस बाबत 6 जनवरी को मुख्य सचिव आलोक रंजन के सामने प्रस्तुतीकरण देंगे। एलएमआरसी के अफसरों के समक्ष डीएमआरसी के अफसर प्रजेंटेशन पहले ही दे चुके हैं। रिपोर्ट के लिए डीएमआरसी को प्रदेश सरकार ने 2.80 करोड़ रुपये दिए थे।

मेट्रोमैन डॉ. ई. श्रीधरन ने काफी पहले ही कह दिया था कि आने वाले 15 साल में राजधानी में 150 किलोमीटर मेट्रो चलेगी। इसमें अमौसी से मुंशीपुलिया और चारबाग से बसंतकुंज के बाद रूट बढ़ते जाएंगे।

सबसे पहले शहीद पथ पर 19 किलोमीटर, गोमती नगर विस्तार में 3.50 किलोमीटर, पुराने रिंग रोड से सीतापुर रोड तक, बीच में खुर्रम नगर से गोल मार्केट तक, टेढ़ी पुलिया से कपूरथला तक, दूसरी ओर रायबरेली रोड पर पीजीआई तक, मवइया से मिल रोड होते हुए राजाजीपुरम की कॉलोनियों तक मेट्रो का नेटवर्क होगा।

इसमें 23 किलोमीटर ट्रांसपोर्ट नगर से मुंशीपुलिया और 16 किलोमीटर चारबाग से बसंत कुंज की दूसरी लाइन होगी। जबकि, रिंग लाइन, मिल रोड, गोमती नगर एक्सटेंशन लाइन की तीन और लाइनें भी प्रस्तावित हैं।

चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट को लखनऊ मेट्रो से जोड़ने के लिए नई योजना पर काम किया जा रहा है। एयरपोर्ट का नया मास्टर प्लान बनाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जिम्मेदारी रेलवे की कार्यदायी संस्था राइट़्स को दी है।

राइट्स ने मेट्रो रेल परियोजना के तहत किस तरह से एयरपोर्ट को लाभान्वित किया जा सकता है, उसको लेकर एलएमआरसी से बातचीत भी की है। एलएमआरसी ने साफ किया है कि एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 और 2 के बीच मेट्रो का भूमिगत स्टेशन बनाया जाएगा। एयरपोर्ट से सीधे लोगों को मेट्रो स्टेशन में प्रवेश मिलेगा। यहां से वे सीधे ट्रांसपोर्ट नगर के स्टेशन पहुंच जाएंगे।

डीएमआरसी ने टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट भले ही एलएमआरसी के अफसरों के सामने रख दिया है लेकिन इसे गोपनीय रखा जा रहा है। माना जा रहा है कि सबसे पहले रिंग लाइन मेट्रो चलाने की शुरुआत होगी।

इससे सीजी सिटी और कई नई कॉलोनियों को जोड़ा जा सकेगा। पॉलीटेक्निक चौराहा से हाईकोर्ट कैंपस को नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर से जोड़े जाने का फैसला भी बहुत जल्द हो सकता है। ऐसे में पुराना शहर, सीजी सिटी और न्यू हाईकोर्ट मेट्रो का अगला पड़ाव होगा।

शहीद पथ के दोनों ओर नई कॉलोनियों का बहुत तेजी से विकास अगले तीन साल में होगा। शहीद पथ पर मेट्रो रेल परियोजना सस्ती भी पड़ेगी क्योंकि, यहां जमीन नहीं खरीदनी पड़ेगी। वहीं एलडीए, आवास विकास परिषद, निजी कंपनियों के अलावा चक गजरिया सिटी को जोड़ने से सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को और फायदेमंद बनाया जा सकेगा। यहां आईटी सिटी, ट्रिपल आईटी, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और ऐसे ही कई अन्य बड़े ड्रीम प्रोजेक्ट हैं।

एलएमआरसी का मानना है कि मेट्रो चलाने की उसकी कल्पना साल 2030 तक पूरी होगी। करीब 40 हजार करोड़ रुपये 150 किलोमीटर तक मेट्रो ट्रेन चलाने में खर्च करने पड़ेंगे। मौजूद मॉडल के हिसाब से इसमें 20 फीसदी प्रदेश सरकार, 20 फीसदी केंद्र और 60 फीसदी विदेशी कर्ज के जरिये मिलेगा।

अगले 15 साल में राजधानी में करीब 150 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क की प्लानिंग है। इसको लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। फिलहाल नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर और ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर को जोड़ दिया गया है। 6 जनवरी को मुख्य सचिव आलोक रंजन के सामने टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट को डीएमआरसी के अधिकारी पेश करेंगे।

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