पूर्ण ऑटोमैटिक कारें अगले 1० सालों में
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
फ्रैंकफर्ट। पूर्ण ऑटोमैटिक कारें अगले 1० वर्षों में बाजार में आ जाएंगी। यह बात बोश समूह के बोर्ड सदस्य रोल्फ बुलांडर ने कही। रविवार को समाप्त हुए फ्रैंकफर्ट ऑटो शो में ऑटोमेशन एक प्रमुख ट्रेंड था। बुलांडर के मुताबिक, इस वाहन मेले में तीन प्रमुख ट्रेंड देखने को मिले- इलेक्ट्रिफिकेशन, ऑटोमेशन और कनेक्टिविटी।
उन्होंने शो के दौरान कहा, ‘‘ऑटोमेशन का चरणबद्ध तरीके से विकास किया जाएगा। हमारा अनुमान है कि पूरी तरह से ऑटोमैटिक वाहन 2०25 के बाद उपलब्ध हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि अभी बाजार में चालक सहायता प्रणाली उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि अभी बोश की ऑटोमैटिक पार्किंग प्रणाली के जरिए कार चालक बिना कार में बैठे कार की पार्किंग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कार स्मार्टफोन बटन दबाने से गैरेज से बाहर निकलकर खुद फोन का बटन दबाने वाले के पास आ सकती है। उन्होंने कहा कि यह ऑटोमेशन के पहले चरण का हिस्सा है।
उन्होंने हालांकि कहा कि पूरी तरह से ऑटोमेटिक परिचालन सबसे बड़ी चुनौती होने वाली है। उन्होंने कहा कि हर प्रकार की यातायात स्थिति में ऑटोमैटिक कार को यह समझना होगा कि किस प्रकार का व्यवहार करना है। अधिक तेज तर्रार भी नहीं होना है और अधिक सुस्त भी नहीं होना है। भावी कार बाजार के भविष्य के बारे में उन्होंने कहा कि बिजली से चलने वाली कारों का लगातार विकास होता रहेगा। उन्होंने कहा कि अगले दशक में कंशन इंजन की प्रमुख भूमिका होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि 2०25 तक इलेक्ट्रिक कारों की 15 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि बिजली वाली कारों में अधिकांश कारें हाइब्रिड श्रेणी की होगी और 6-7 फीसदी ही पूरी तरह से बिजली से चलने वाली होगी। उन्होंने साथ ही कहा कि बोश लगातार उत्सर्जन कम करने वाली और विद्युतीकरण की प्रौद्योगिकी पर काम करती रहेगी।