पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तोड़ा बंगला, अब होगी जांच
लखनऊ : पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आवंटित रहे सरकारी बंगले सहित खाली कराए गए सभी बंगलों में तोड़फोड़ की जांच कराई जाएगी। गौरतलब है कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने सरकारी बंगले की साज सज्जा पर 42 करोड़ रुपये खर्च किए थे। उसी बंगले को जब उन्हें खाली करना पड़ा तो उन्होंने उसको बुरी तरह से तहस नहस करके रख दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्होंने यह बंगला दो जून को खाली कर दिया था। यह मामला सामने आने के बाद अब राज्य संपत्ति विभाग ने इन बंगलों के सामान की सूची बनानी शुरू कर दी है। इनका रिकार्ड से मिलान कराया जाएगा। किसी भी किस्म की गड़बड़ी मिलने पर आवंटियों को नोटिस जारी किया जाएगा। इनमें मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और मायावती के बंगले हैं। इन सभी ने आवास खाली करने के बाद चाबी राज्य संपत्ति विभाग को सौंप दी है। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का सरकारी आवास अभी खाली नहीं हुआ है।
मौजूदा हालत में मिला अखिलेश का बंगला
– स्विमिंग पूल को पाट दिया गया।
– एसी व सजावट के अन्य सामान सहित शीशे तक निकाल लिए गए।
– हरा-भरा गार्डन पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया।
– कई जगहों से पेड़ तक उखाड़ लिए गए।
– गार्डन के किनारे बने साइकिल ट्रैक के फर्श को बुरी तरह तोड़ दिया गया।
– बैडमिंटन कोर्ट में लगे लकड़ी के फर्श को भी उखाड़ा गया।
– बैडमिंटन कोर्ट के ऊपर की छत तक हटा दी गई।
– इस कोर्ट की नेट व लाइटें भी उखाड़ ली गईं।
– बंगले में कई जगह फर्श पर लगे मार्बल व फ्लोर टाइल्स को भी उखाड़ दिया गया।
– मुख्य बंगले के पीछे गार्डन में बने स्विमिंग पूल को पाटकर उस पर कच्चा प्लास्टर कर दिया गया।
– मुख्य बंगले में बने सभी बाथरूमों की टोटियां और जकूजी बाथ असेंबली निकाल ली गई।
– बंगले में लगे टीवी, फर्नीचर, पंखे और अन्य सामान भी नहीं मिले।
– बंगले की छत पर लगी सेंट्रल एसी यूनिट को भी निकाल लिया गया।
– किचन की टोटियां, मॉड्यूलर किचन एक्विपमेंट्स, सिंक, किचन टॉप तक को निकाल लिया गया।
– मुख्य बंगले के बगल में स्थित जिम ब्लॉक भी पूरी तरह खाली कर दिया गया।
– फर्स्ट फ्लोर की दीवारों पर लगी टाइल व मार्बल तोड़ दिया गया।
– जगह-जगह फॉल सीलिंग से लाइट निकाल ली गईं।
– स्विमिंग पूल में लगी इंपोर्टेड टाइल्स उखाड़ ली गईं।
वहीँ राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला ने बताया कि खाली किए गए सभी बंगलों का रिकार्ड से मिलान कराया जाएगा। सभी निर्माण व सामान आदि का ब्योरा विभाग के पास मौजूद है। यदि यह तथ्य प्रकाश में आया कि जानबूझकर तोड़फोड़ की गई है या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है तो संबंधित आवंटी को नोटिस जारी किया जाएगा और रिकवरी की कार्रवाई भी होगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास को खाली कराने के मामले में नारायण दत्त तिवारी के बंगले 1-मॉल एवेन्यू को लेकर पेंच फंसा है। गंभीर रूप से बीमार एनडी तिवारी दिल्ली के एक अस्पताल में आइसीयू में भर्ती हैं और उनकी पत्नी भी स्वस्थ नहीं हैं। आवास खाली करने के लिए 15 दिन की नोटिस की अवधि तीन जून को समाप्त हो चुकी है। तिवारी की पत्नी डॉ. उज्ज्वला ने अपनी असमर्थता जताते हुए आवास खाली करने के लिए एक वर्ष का समय देने के लिए पत्र लिखा था। राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला का कहना है कि तिवारी को आवास खाली करने के लिए दी गई अवधि पूरी हो चुकी है। न्याय विभाग ने अतिरिक्त समय नहीं देने की बाध्यता जताई है लेकिन तिवारी की गंभीर बीमारी को देखते हुए मानवीय दृष्टिकोण के चलते ही सख्ती करने से बचा जा रहा है। उधर, अखिलेश के चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी बंगले में तोड़फोड़ को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि बंगले में तोड़फोड़ नहीं करनी चाहिए थी। वहीं सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अपनी सरकार की बदनामी से ध्यान हटाने के लिए भाजपा सरकार ने साजिशन यह रणनीति बनाई। विवाद बढ़ता देख अब अखिलेश यादव ने कहा है कि यदि सरकार उन्हें मिली चीजों की लिस्ट मुहैया करवाती है तो वह हर गायब चीज के लिए कीमत अदा करने को भी तैयार हैं।