राष्ट्रीय

पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के भतीजे युसूफ की गोली मारकर हत्या

सीवान के नगर थाना क्षेत्र के दक्षिण टोला में शुक्रवार देर रात राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के भतीजे युसूफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है युसूफ को काफी करीब से गोली मारी गई।

बिहार के सीवान के नगर थाना क्षेत्र के दक्षिण टोला में शुक्रवार देर रात राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के भतीजे युसूफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है युसूफ को काफी करीब से गोली मारी गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को 9 दिसंबर, 2015 को हत्या का दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पिछले साल 30 अगस्त को उच्च न्यायालय ने उनकी सजा को बरकरार रखा था। गैंगस्टर से राजनेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन पर हत्या और अपहरण से संबंधित लगभग 63 मामले दर्ज हैं।

मुठभेड़ में एक अपराधी मारा गया

उधर, मुजफ्फरपुर में एक मुठभेड़ में पुलिस ने कुंदन सिंह नाम के एक अपराधी को मार गिराया है। वहीं, दो अपराधी बचकर भागने में सफल रहे। पुलिस ने एके-47 बरामद किया है।

कौन है मोहम्मद शहाबुद्दीन

मोहम्मद शहाबुद्दीन का जन्म 10 मई, 1967 को सीवान जिले के प्रतापपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा-दीक्षा बिहार से ही पूरी की थी। राजनीति शास्त्र में एमए और पीएचडी क करने वाला इस बाहुबली नेता ने हिना शहाब से शादी की थी। उनका एक बेटा और दो बेटी हैं। पूर्व सांसद ने कॉलेज से ही अपराध और राजनीति की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने कुछ ही वर्षों में अपराध और राजनीति में काफी नाम कमाया।

राजनीति में शहाबुद्दीन का उदय

राजनीतिक गलियारों में मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम तब चर्चाओं में आया जब उन्होंने लालू प्रसाद यादव की छत्रछाया में जनता दल की युवा इकाई में कदम रखा। पार्टी में आते ही शहाबुद्दीन को अपनी ताकत और दबंगई का फायदा मिला। उन्हें 1990 में विधानसभा का टिकट मिला। शहाबुद्दीन ने इस चुनाव में जीत हासिल की, उसके बाद फिर से 1995 में उन्होंने चुनाव जीता। उनके बढ़ते कद को देखते हुए पार्टी ने 1996 में उन्हें लोकसभा का टिकट दिया और शहाबुद्दीन की जीत हुई। 1997 में आरजेडी के गठन और लालू प्रसाद यादव की सरकार बन जाने से शहाबुद्दीन की ताकत और बढ़ गई थी।

Related Articles

Back to top button