फोन करने पर शीघ्र ही एसटीएच के डॉक्टर विवेकानंद सत्यबली आवास पर आए। उन्होंने दवा देकर एनडी का चेकअप कराने की सलाह दी। इसके बाद उन्हें बृजलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टर रणवीर सिंह सोलंकी और अजयपाल की टीम ने जांच किया। उपचार से थोड़ी देर तक एनडी तिवारी को होश आ गया।
पहले से ही इन बीमारियों की दवाएं चल रही हैं। एनडी की हालत में सुधार है। दिमाग में छोटी छोटी नसों के बीच खून जमने से ऐसी स्थिति आ जाती है। फिलहाल 48 घंटे बाद फिर एनडी का सीटी स्कैन कराया जाएगा।
सब कुछ ठीक रहा तो उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। अस्पताल में एनडी तिवारी के साथ उनकी पत्नी डॉ. उज्जवला तिवारी भी मौजूद रहीं। इस बीच वयोवृद्ध नेता से मिलने के लिए शुभचिंतकों के आने का सिलसिला जारी रहा।
अपने अस्पताल से टूटा भरोसा
एनडी तिवारी ने बड़े अरमान से अपनी पत्नी सुशीला के नाम पर अस्पताल बनवाया था। उस समय अस्पताल के लिए विदेश से महंगी मशीनें मंगाई गई।
सपना था कि यह अस्पताल कुमाऊं के लोगों की गंभीर बीमारियों के लिए अच्छा अस्पताल साबित होगा, लेकिन तिवारीजी की हालत खराब होने पर उन्हें बृजलाल में भर्ती कराना पड़ा। क्योंकि पूर्व सीएम के करीबियों का मानना है कि एसटीएच प्राइवेट अस्पताल जैसे इलाज की सुविधा नहीं दे सकता है।
पूर्व सीएम ने एसटीएच को बेहतर बनाने के लिए दो बार आंदोलन किया लेकिन प्रदेश सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी।