‘पूवर आइलैंड’ है हनीमून के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन, यहाँ जा कर ले पूरा मज़ा
वैसे तो केरल का हर एक शहर कोई न कोई खासियत समेटे हुए है, लेकिन तिरुवनंतपुरम में जहां एक ओर पर्वतीय सुंदरता खिलती है तो दूसरी ओर गंभीर गर्जना से अपनी विराटता का बोध कराते समंदर हैं। कला और संस्कृति का गढ़ रहा है यह शहर। यहां का वास्तविक सौंदर्य देखना चाहते हैं तो ग्रामीण इलाकों में निकल जाएं। अद्भुत से ऊपर कुछ होता हो तो वह आपको यहां नजर आएगा। वहीं किसी ऐसे डेस्टिनेशन की तलाश में हैं जहां आप रिलैक्स होकर अपना वेकेशन बिता सके तो रूख करें पूवर आइलैंड की ओर।
पूवर आइलैंड
केरल की बात हो और बैकवाटर्स की बात न हो, ऐसा संभव नहीं है। हालांकि तिरुअनंतपुरम के बारे में कहा जाता है कि यहां पहले यहां बैकवाटर्स नहीं मिलते थे। यदि आपने भी ऐसा ही सुना है तो आपने गलत सुना है। तिरुअनंतपुरम में भी बैकवाटर्स का एक बड़ा हिस्सा है, जहां जाकर आपको प्रकृति के अछूते सौंदर्य का आनंद मिलेगा। शहर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पूवर द्वीप इस अद्भुत सौंदर्य से साक्षात्कार करने का स्थान है। यह द्वीप बैक वाटर्स से तो घिरा है ही, साथ ही अरब सागर का भी एक हिस्सा इसमें खुलता है। यहां पर सागर और बैकवाटर्स का संगम कमाल का होता है। इसके अतिरिक्त सुनहरी रेत वाला समुद्र तट अलग से आकर्षित करता है। तभी तो इस द्वीप को स्थानीय लोग ‘स्वर्ग की खिड़की’ के रूप में संबोधित करते हैं। यहां आकर प्रकृति के निर्मलतम रूप से एका स्थापित किया जा सकता है।
दिलफरेब रास्ता
पूवर द्वीप तक पहुंचने का रास्ता भी रोचक है। मुख्य भूमि से लगभग दस मिनट की नौका-यात्रा के द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है। नाव की यह यात्रा अपने आप में बहुत रोचक होती है। यहां ठहरने की भी व्यवस्था है। हालांकि बजट में यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए यहां रहना थोड़ा भारी पड़ सकता है, लेकिन इस स्थल के अनुभव के सामने वह अखरता नहीं है।
कैसे जाएं, कहां ठहरें?
यह भारत के सभी स्थलों से रेल, सड़क और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। नजदीकी हवाई अड्डा त्रिवेंद्रम शहर से 6 किमी दूर है। यह एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो देश-दुनिया के बड़े शहरों से जुड़ा है। इसके साथ-साथ त्रिवेंद्रम सेंट्रल रेलवे देश के विभिन्न शहरों से जुड़ा है, यह भी शहर पहुंचने का सुगम मार्ग है। आप यहां केरल राज्य बस सर्विस से भी शहर के विभिन्न भागों में सैर कर सकते हैं।