नई दिल्ली। मंगल के रहस्यों पर से पर्दा उठाने जा रहे भारत का महत्वाकांक्षी मिशन मंगलयान पृथ्वी से 19.9 करोड़ किलोमीटर दूर पहुंच गया है और 22.33 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर जारी एक पोस्ट में कहा कि मंगलयान पृथ्वी से 19.9 करोड़ किलोमीटर दूर पहुंच गया है और 22.33 किमी प्रति सेकेंड की रफ्तार से अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है। मंगलयान के तरल ईधन वाले इंजन को करीब दस महीने की शीतनिद्रा से जगाना इसरो के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। मंगलयान के लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश के लिए इस इंजन को दोबारा चालू करना जरूरी है। यान की गति को कम करने और इसे मंगल की कक्षा में स्थापित करने के लिए इस इंजन को फिर से चालू किया जाएगा। मंगलयान 24 सितंबर को अपने गंतव्य तक पहुंचेगा और इसी दिन सुबह साढ़े सात बजे तरल इंजन को फिर चालू किया जाएगा। इस इंजन को पिछले एक दिसंबर को बंद किया गया था और तबसे यह श्स्लीप मोडश् में है। इस इंजन को एक दिसंबर को 22 मिनट के लिए चालू किया गया था और तब मंगलयान की गति को 648 मीटर प्रति सेंकेंड बढ़ाकर पृथ्वी की आखिरी कक्षा से बाहर किया गया था। कुल 450 करोड़ रूपए की लागत से तैयार मंगलयान को पिछले साल पांच नवंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी-25 के जरिए प्रक्षेपित किया गया था। इस यान के साथ पांच प्रयोगात्मक उपकरण लाइमैन अल्फा फोटोमीटर श्मीथेन सेंसरश्, श्मार्स कलर कैमराश्, श्थर्मल इंफ्रारेड इमेजिंग स्पेकट्रोमीटरश् और श्मार्स एकसोफेरिक न्यूट्रल कंपोजीशन एनालाइजरश् भेजे गए हैं। जो मंगल के वातावरण के बारे में जानकारी जुटाएंगे और इस लाल ग्रह के रहस्यों पर से पर्दा उठाने में वैज्ञानिकों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।