स्वास्थ्य

पेंटा वेलेंट : एक वैक्सिन करेगा 5 बीमारियों से बचाव

paरायपुर। नन्हें बच्चों को अब बार-बार टीका नहीं लगवाना पड़ेगा। हेपेटाइटिस-बी  एच-एन्फ्लुएंजा व डीपीटी (डिप्थीरिया  परट्यूसिस व टिटेनेस) जैसे पांच वैक्सिन का काम अब एक ही वैक्सिन करेगा। पेंटा वेलेंट नामक इस नए जीवन रक्षक वैक्सिन से पांच बीमारियों का बचाव होगा। इस नए वैक्सिन के टीकाकरण का काम छत्तीसगढ़ में अक्टूबर-नवंबर 2०14 में शुरू होगा। चिकित्सकों के मुताबिक  अभी राज्य में नवजात शिशुओं को पांच तरह के जीवन रक्षक टीके लगाए जा रहे हैं। इनमें हेपेटाइटिस-बी के तीन  एच-एन्फ्लुएंजा के तीन और डीपीटी के तीन टीके (इंजेक्शन) लगाए जाते हैं। इस तरह नवजात शिशुओं को 14 माह की उम्र तक 9 इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इनमें से दो-दो टीके एक साथ लगाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ के टीकाकरण अधिकारी डॉ. सुभाष पांडेय के मुताबिक यह नया वैक्सिन पेंटा वेलेंट ज्यादा कारगर होगा। इससे एन्फ्लुएंजा की वजह से होने वाली निमोनिया की बीमारी में कमी आएगी। साथ ही शिशु मृत्युदर में भी कमी आएगी। अभी देश में जहां शिशु मृत्यु दर प्रति हजार जीवित जन्मे शिशु में 43 हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में शिशु मृत्यु दर प्रति हजार जीवित जन्मे शिशुओं में 47 हैं। नए वैक्सिन से इस आंकड़े में भी सुधार होगा। नया वैक्सिन का टीका नवजात शिशुओं को तीन बार ही लगाना पड़ेगा। पहला इंजेक्शन 6 सप्ताह की उम्र में  दूसरा 1० सप्ताह में और तीसरा इंजेक्शन 14 सप्ताह की आयु में लगाना होगा। इससे टीकाकरण स्वास्थ्य अधिकारी व कार्यकर्ताओं को टीकाकरण का हिसाब-किताब रखने में आसानी होगी। अभिभावकों को भी बार-बार टीकाकरण कराने और टीकाकरण की तारीख को याद रखने से निजात मिलेगी। पेंटा वेलेंट का उपयोग देश के आठ राज्यों में हो रहा है। इनमें तमिलनाडु  केरल  गोवा  जम्मू एवं कश्मीर  हरियाणा  गुजरात  कर्नाटक और पुड्डुचेरी शामिल है। वहीं आंध्र प्रदेश  असम  बिहार  झारखंड  मध्य प्रदेश  पंजाब  राजस्थान  प>िम बंगाल  दिल्ली  उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ सहित 11 राज्यों में इसका उपयोग अक्टूबर-नवंबर 2०14 से शुरू हो जाएगा। बहरहाल  सूबे के शिशुओं को इस टीके से राहत मिलेगी तो उनके माता-पिता भी राहत की सांस लेंगे।

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