पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त को होगी सुनवाई, याचिका में जांच की मांग
राजनेताओं, एक्टविस्ट और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए कथित तौर पर इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का उपयोग करने वाली सरकार की रिपोर्टों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 5 अगस्त को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट में ये याचिकाएं वरिष्ठ पत्रकार एन राम, शशि कुमार और सीपीएम नेता जॉन ब्रिटास ने दायर की है.
इससे पहले शुक्रवार को सीजेआई एनवी रमना ने अगस्त के पहले हफ्ते में याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी. वहीं कपिल सिब्बल ने कहा था कि सुनवाई मंगलवार या बुधवार को नहीं होनी चाहिए, क्योंकि वो दूसरे मामलों में व्यस्त हैं. इस पर सीजेआई ने कहा कि वो मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट करते समय इसे ध्यान में रखेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में शीर्ष अदालत के एक मौजूदा या रिटायर जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की गई है ताकि सरकार की तरफ से इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी करने की रिपोर्ट की जांच की जा सके.
उधर पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा की अनुमति देने के लिए विपक्षी सदस्य संसद के दोनों सदनों में स्थगन नोटिस दे रहे हैं, जिसे अध्यक्ष खारिज कर रहे हैं. एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने दावा किया था कि 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल फोन नंबर इजरायली फर्म एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके निगरानी के लिए संभावित लिस्ट में थे. 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है. विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा.